Friday, May 9

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 मई 2025

नोटः आज प्रदोष व्रत है। शुक्र प्रदोष व्रत, जिसे शुक्रवार के प्रदोष के नाम से जाना जाता है, का पालन करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। इस व्रत के द्वारा घर में समृद्धि आती है और शत्रुओं का नाश होता है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, एक बार चंद्रदेव क्षय रोग से ग्रसित हुए और उन्होंने भगवान शिव की पूजा की राहत के लिए। शिव के आशीर्वाद से उनके सभी कष्ट समाप्त हो गए। इसी प्रकार, यह माना जाता है कि जो लोग प्रदोष व्रत का पालन करते हैं, वे दुखों से मुक्त हो जाते हैं और उन्हें ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे भगवान शिव की पूजा करके किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना करने वालों के लिए फलदायी माना जाता है। 

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः वैशाख़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वादशी दोपहर काल 02.57 तक है, 

वारः शुक्रवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें ।

नक्षत्रः हस्त रात्रि काल 12.09 तक है, 

योग, वज्र रात्रिः काल 02.58 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः कन्या, 

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.38, सूर्यास्तः 06.58 बजे।