पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 07 मई 2025

नोटः आज श्री टैगोर जंयती है। रवींद्रनाथ टैगोर जयंती भारत के सबसे प्रिय कवियों, दार्शनिकों और यहां तक कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती 7 मई, 2025 को मनाई जाती है । टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था; वे एक साहित्यिक प्रतिभा और सांस्कृतिक सुधारक थे जिन्होंने भारतीय कला, संगीत और शिक्षा में सुधार किया।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः वैशाख़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः दशमी प्रातः काल 10.20 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी रात्रि काल 06.17 तक है,
योग, व्यातिपात रात्रिः काल 01.05 तक है,
करणः गर,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः सिंह,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.39, सूर्यास्तः 06.56 बजे।