पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 मई 2025
नोटः आज श्री गंगा जयंती है। तथा श्री रामानुचार्य जयंती है।

03 मई को गंगा सप्तमी है। शास्त्रों के अनुसार आज ही के दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

श्री रामानुज आचार्य (1017-1137 ई. पू.) एक महान हिन्दु दार्शनिक तथा विचारक थे। वह श्री वैष्णववाद के दर्शन में सर्वाधिक प्रतिष्ठित आचार्य हैं। उनका जन्म 11वीं शताब्दी में 1017 ई.पू में तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर नामक ग्राम में हुआ था। श्री रामानुज का जन्म नाम लक्ष्मण था तथा उन्हें इलैया पेरुमल भी कहा जाता है जिसका अर्थ है उज्ज्वल। वह 1137 ई. में तमिलनाडु के श्रीरंगम में 120 वर्ष की आयु में अन्तर्धान हो गये थे।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः वैशाख़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः षष्ठी प्रातः काल 07.53 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुनर्वसु दोपहर काल 12.34 तक है,
योग, शूल़ रात्रिः काल 01.41 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 05.43, सूर्यास्तः 06.54 बजे।