Friday, May 2

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 02 मई 2025

नोटः आज आद्यगुरू श्री शंकरचार्य जयंती है। महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु श्री शंकराचार्य जी की जयंती 02 मई सोमवार को मनाई जाएगी। उनका जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी के पावन दिन हुआ था। इस दिन हर वर्ष आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती मनाई जाती है। आद्यगुरू श्री शंकराचार्य जी ने आठ वर्ष की उम्र में गृहस्थ जीवन को त्याग कर संन्यास जैसे जीवन का कठिन रास्ता अपनाया था

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः वैशाख़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः पंचमी प्रातः काल 09.15 तक है, 

वारः शुक्रवार।

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आर्द्रा दोपहर काल 01.04 तक है, 

योग, वैधृति़ रात्रिः काल 03.20 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः मिथुन, 

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.43, सूर्यास्तः 06.53 बजे।