Monday, April 21

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 21 अप्रैल 2025

नोटः आज शक प्रारम्भ है। 

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः वैशाख़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः अष्टमी सांयः काल 06.59 तक है, 

वारः सोमवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा दोपहर काल 12.37 तक है, 

योग , साध्य रात्रि काल 11.00 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः मकर,

राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.54, सूर्यास्तः 06.46 बजे।