पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 15 अप्रैल 2025
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः वैशाख़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वितीया प्रातः काल 10.56 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः विशाखा रात्रि काल 03.11 तक है,
योग सिद्धि़ रात्रि काल 11.33 तक है,
करणः गर,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः तुला,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.59, सूर्यास्तः 06.43 बजे।