Wednesday, April 16

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 14 अप्रैल :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज के नेहरू स्टडी सेंटर की ओर से रिविजिटिंग नेहरू विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला स्थित सेंटर फार कश्मीर स्टडीज के डायरेक्टर प्रोफेसर मलकीत सिंह मुख्य वक्ता रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ सुरिंद्र कौर व नेहरू स्टडी सेंटर कनवीनर डॉ मोनिका शर्मा ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

डॉ मलकीत ने छात्राओं को पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जीवन और उनके विचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को नेहरू जी के योगदान और उनके विचारों से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि गांधी जी के नेतृत्व में नेहरू जी ने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोडो आंदोलन में बढचढ कर भाग लिया। नेहरू जी ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के जरिए विदेश नीति को पंचशील के सिद्धांतों पर आधारित किया। डॉ मलकीत ने नेहरू जी द्वारा लिखित डिस्कवरी ऑफ इंडिया पुस्तक का जिक्र करते हुए बताया कि यह पुस्तक भारत के इतिहास, संस्कृति और  दर्शन की व्यापक समझ प्रदान करती है। उन्होंने लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही धर्म निरपेक्ष पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद नेहरू जी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत विस्तार किया। देश में आइआइटी, यूजीजी जैसी संस्थाओं की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की। साथ ही उन्होंने नेहरू जी की तटस्थ नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। जिसमें उन्होंने कश्मीर नीति, चीन नीति और केंद्रवाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेहरू जी की नीतियां आज भी प्रासांगिक है। देश को आगे बढाने के लिए लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक सोच की आवश्यकता है। युवाओं के लिए शिक्षा और सोच में स्वतंत्रता का जो आधार उन्होंने रखा, वह आज भी महत्वपूर्ण है। उनकी आलोचनाओं से सीख लेकर नई नीतियों को ओर बेहतर बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ अमनप्रीत कौर व प्रिया कालरा ने सहयोग दिया।