Sunday, April 13

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 अप्रैल 2025

नोटः आज चैत्र पूर्णिमा वैशाख स्नान प्रारम्भ, श्री हनुमान जयंती, श्री सत्यनारायण व्रत है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था, इसलिए इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।  इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है. चैत्र पूर्णिमा के बाद से वैशाख मास शुरू होता है, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे पुण्य मास माना गया है।

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः पूर्णिमा प्रातः काल 05.52 तक है, 

वारः शनिवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः हस्त सांय काल 06.08 तक है, 

योग  व्यातिपात़ रात्रि काल 08.40 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कन्या,

राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 06.03, सूर्यास्तः 06.42 बजे।