Monday, April 7

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 07 अप्रैल 2025

नोटः आज नवरात्रि व्रत पारणा है। नवरात्रि के व्रत का पारण तभी संपूर्ण माना जाता है जब आप नवमी के दिन कन्या पूजन और हवन कर लें। कहते हैं कि छोटी-छोटी कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है, इसलिए उन्हें भोजन करवाकर और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेना बहुत शुभ माना जाता है।

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः दशमी रात्रि काल 08.01 तक है, 

वारः सोमवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुष्य की वृद्धि (जो सोमवार को) प्रातः काल 06.25 तक है, 

योग  वैधृति सांय काल 06.19 तक है, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कर्क, 

राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.08, सूर्यास्तः 06.39 बजे।