Monday, March 31

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 29 मार्च 2025

नोटः आज चैत्र एवं शनिवारी अमावस व्रत एवं पूजनादि है। शनि अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराएं, अन्न दान करें और गायों को चारा या गुड़ खिलाएं। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि देव की कृपा बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः अमावस सांय काल 04.28 तक है, 

वारः शनिवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तरा भाद्रपद रात्रि काल 07.27 तक है, 

योग ब्रह्म रात्रि काल 10.03 तक है, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः मीन,

 राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 06.19, सूर्यास्तः 06.34 बजे।