- फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने अत्याधुनिक वर्टिगो और बैलेंस डिसऑर्डर क्लिनिक शुरू किया
- नई तकनीक से लैस यह क्लिनिक वेस्टिबुलर डिसऑर्डर के निदान और इलाज के लिए उन्नत उपकरणों से सुसज्जित है
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 28 मार्च :
फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने संतुलन संबंधी विकारों (बैलेंस डिसऑर्डर) और चक्कर (वर्टिगो) के लिए एक अत्याधुनिक क्लिनिक शुरू किया है। यह क्लिनिक उन मरीजों के लिए बनाया गया है जो संतुलन और शरीर की स्थिति से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं। इसके लिए अस्पताल ने दुनिया की सबसे बड़ी वर्टिगो और डिज़्ज़िनेस क्लिनिक चेन “न्यूरोइक्विलिब्रियम” के साथ साझेदारी की है।
इस साझेदारी से मरीजों को बेहतरीन विशेषज्ञता और उन्नत तकनीक का लाभ मिलेगा। इस आधुनिक क्लिनिक में न्यूरोलॉजिस्ट और ईएनटी विशेषज्ञ मिलकर उन मरीजों का इलाज करेंगे, जिन्हें वर्टिगो, असंतुलन (फंक्शनल बैलेंस डिसऑर्डर) और गिरने का डर जैसी समस्याएं हैं।
यह क्लिनिक मुख्य रूप से डॉ. अशोक गुप्ता (डायरेक्टर, ईएनटी) और डॉ. जेपी सिंघवी (डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी) के नेतृत्व में संचालित होगा।
डॉ. अशोक गुप्ता, डायरेक्टर, ईएनटी, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने कहा कि यह यह अत्याधुनिक सुविधा वेस्टिबुलर विकारों के निदान और उपचार के लिए समर्पित है, जो शरीर के संतुलन और स्पेशियल ओरिएंटेशन को प्रभावित करते हैं। उन्नत उपकरणों की मदद से हमारा लक्ष्य सटीक जांच और प्रभावी इलाज प्रदान करना है, जिससे उन्हें उन समस्याओं से राहत मिलेगी जो अक्सर या तो गलत तरीके से निदान होती हैं या नजरअंदाज कर दी जाती हैं।
डॉ. सुदेश प्रभाकर, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने बताया कि वेस्टिबुलर डिसऑर्डर कई लक्षणों के साथ सामने आता है, जैसे वर्टिगो, चक्कर आना, असंतुलन, सिर घूमना, सिर हिलाने पर धुंधला दिखना और बार-बार गिरने की समस्या। ये लक्षण कान के अंदरूनी हिस्से या मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के कारण हो सकते हैं और यह दैनिक जीवन, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। शोध बताते हैं कि लगभग 35 फीसदी वयस्क आबादी अपने जीवन में कभी न कभी चक्कर और वर्टिगो की समस्या का सामना करती है, जिससे यह एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता बन जाती है।
डॉ. जेपी सिंघवी, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने कहा कि हमारे वेस्टिबुलर लैब में उन्नत तकनीक की मदद से विभिन्न वेस्टिबुलर समस्याओं का सटीक निदान किया जा सकता है। निदान के बाद, जिन मरीजों को आगे उपचार की जरूरत होगी, उनके लिए वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम तैयार किए जाएंगे। ये प्रोग्राम हर मरीज की जरूरत के अनुसार बनाए जाएंगे, जिससे उन्हें संतुलन सुधारने, चक्कर कम करने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह अत्याधुनिक सुविधा फोर्टिस अस्पताल, मोहाली की बेहतरीन रोगी देखभाल और चिकित्सा नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
डॉ. अंजू पिल्लई, डीजीएम, क्लिनिकल एक्सीलेंस एंड ऑपरेशन्स, न्यूरोइक्विलिब्रियम ने बताया कि यह वेस्टिबुलर लैब उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरणों से लैस है, जैसे: वीडियो निस्टैग्मोग्राफी (वीएनजी), डायनामिक विजुअल एक्युटी (डीवीए), सब्जेक्टिव विजुअल वर्टिकल (एसवीवी), क्रैनियो-कोर्पोग्राफी, पोस्ट्यूरोग्राफी, वीडियो हेड इम्पल्स टेस्ट (वीएचआईटी), और वेस्टिबुलर इवोक्ड मायोजेनिक पोटेंशियल (सीवीईएमपी)।
इस नई सुविधा के साथ, फोर्टिस अस्पताल मोहाली संतुलन विकारों से जूझ रहे मरीजों को बेहतरीन देखभाल और सटीक इलाज प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है।