Monday, March 31
गीता शाह कादरी 

साईं गीता शाह कादरी सूफी संवाद संस्थान (रजि.) के अध्यक्ष निर्वाचित 

तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 27 मार्च :

सूफी विचार की लौ फैलाने तथा सूफी दरवेशों के सर्वहितकारी संदेश का प्रचार-प्रसार करने में जुटे सूफी संवाद संस्थान (रजि.) की आम बैठक में बीबी गीता शाह कादरी को सर्वसम्मति से संस्था का नया अध्यक्ष चुना गया है, जबकि इसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. हरकंवल कोरपाल (साईं कंवल शाह कादरी) को मुख्य संरक्षक नियुक्त किया गया। सूफी गायक और पंजाबी पत्रकार तरसेम दीवाना को संगठन का नया महासचिव नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष पद संभालने के बाद बीबी गीता शाह कादरी ने अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए संगठन के अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की, जिसके अनुसार इंजीनियर कुलदीप सिंह दीपा को संगठन का उपाध्यक्ष, अजमेर दीवाना, सुरिंदर कुमार हैप्पी, बीबी संतोष कुमारी नौशाही कादरी और पंकज कुमार हीर को सचिव तथा सुशांत मम्मन को वित्त सचिव नियुक्त किया गया। संगठन की कार्यकारिणी में राम सरूप, गोपाल राम, महेंद्र पाल बधन, अलीजा दीवाना और चंद्र कुमार हैप्पी के नाम शामिल हैं। प्रिं. बलवीर सिंह सैनी मीडिया प्रभारी, इंजी. गुरबिंदर सिंह पलाहा को मीडिया सलाहकार तथा चंद्र कुमार हैप्पी को प्रेस सचिव की जिम्मेदारी भी दी गई। इस अवसर पर अपने संबोधन में बीबी गीता शाह कादरी ने कहा कि सूफी मत के दरवेशों, विद्वानों और कवियों ने भारतीय समाज और संस्कृति में महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बाबा शेख फरीद जी, साईं मियां मीर जी और पीर बुद्धू शाह आदि वे सूफी दरवेश हैं जिनका सिख गुरुओं और सिख पंथ के साथ गहरा संबंध था और वे हमेशा पंजाब के कल्याण के लिए प्रार्थना करते थे और यहां के दुख-सुख को समझते थे। उन्होंने कहा कि सूफी फकीर सदैव ईश्वर प्रेम, भक्ति, धार्मिक तटस्थता, मानवीय सद्भाव और सह-अस्तित्व की सुगंध का प्रतीक हैं, लेकिन आज फकीरों की आड़ में कई बदमाश और ठग भी पनप रहे हैं। उन्होंने युवाओं को नशे की लत में फंसाकर तथा फकीर बनकर लोगों को अंधविश्वास के जाल में फंसाकर अपनी संपत्ति बनाने वाले व्यवसायिक किस्म के नकली सूफियों से सावधान रहने पर बल दिया तथा कहा कि असली सूफियों का असली संदेश देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए सूफी संवाद संगठन जल्द ही नए दौर की जरूरतों के अनुसार कई परियोजनाएं लेकर आएगा ।उल्लेखनीय है कि सूफी संवाद संस्थान, जिसने अब तक अनेक सूफी संतों और विद्वानों को सम्मानित किया है, के निमंत्रण पर ही एक दशक पहले साईं मियां मीर जी के उत्तराधिकारी रहे सैयद चैन पीर कादरी सबसे पहले अमृतसर सचखंड श्री दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे थे।