सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 27 मार्च :
बिना बेटी के जीवन की कल्पना मात्र भी नहीं की जा सकती बेटी की किलकारी की गूंज परिवार को आगे बढ़ती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का लक्ष्य है। बेटिओं को उनका अधिकार और उनका सम्मान देना उन्हें पोषण शिक्षा संरक्षण सभी सुविधाओं के साथ जोड़ा जा रहा है महिला एवं बाल विकास की और से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे जिला विधिक सेवा प्रधिकरण की सी जे एम् कीर्ति वशिष्ठ ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। शिविर के दौरान विभाग की महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारीयों सुपरवईजरों को विशष वक्ताओं द्वारा किशोर न्याय, पॉक्सो , बाल विवाह निषेद अधिनियम, मिशन वातसल्य पर जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से अधिवक्ता वी पी एस सिद्धू अमिता बंसल ने बताया कि महिलाओं बच्चों को लेकर सख्त कानून का प्रावधान है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लगातार जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यवाहक जिला बाल संरक्षण अधिकारी रंजन शर्मा ने बताया की बच्चों के संरक्षण को लेकर किशोर न्याय और पोक्सो अधिनियम में सख्त प्रावधान है। बेटा हो या बेटी सभी नो टच के बारे जागरूक करे
संरक्षण अधिकारी प्रीति शर्मा ने बताया की बच्चों के संरक्षण को लेकर मिशन वातसल्य में स्पॉन्सरशिप एडॉप्शन बाल देख रेख संस्थान सुविधाएँ दी जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तरविंदर कौर ने बताया की इस वर्ष गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत प्रतिशत हो विभाग की और से निगरानी की जा रही है पंजीकरण प्रक्रिया के साथ ही सभी सुविधाओं के साथ गर्भवती महिला को जोड़ा जा रहा है जनसमान्य को जागरूक किया जा रहा है बेटियों के प्रति नजरिया बदले इसके लिए सरकार की और से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी, सक्षम आंगनवाड़ी पोषण अभियान जैसी योजनाओं का लाभ महिलाओं और बेटियों को दिया जा रहा है कार्यक्रम के दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई और गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमे महिला को पौष्टिक टोकरी भेंट की गई पौष्टिक फलों और सब्जियों और ड्राईफ्रूट से सजी टोकरी आकर्षण का केंद्र बनी रही जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया की बेटी के प्रति समाज की सोच बदले इसी कड़ी में विभाग की और से गोदभराई कुआँ पूजन जैसे कार्यक्रम किये जा रहे है। बेटी को कॉन्फिडेंट बनाएंगे तो बिटिया के भविष्य के लिए ज्यादा बेहतर होगा. आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है, जो जीवन के हर मोड़ पर मजबूती के साथ आपके साथ रहता है। इसलिए बदलते समाज को देखते हुए लड़कियों के लिए आत्मविश्वासी होना बहुत जरूरी है. जो उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों को आसान बनाएगी। बेटियों को शिक्षा से जोड़ेंगे तो हर क्षेत्र में सफल होगी मौके पर महिला में बाल विकास परियोजना अधिकारी कुसुम लता चंद्रलेखा किरण मौजूद रही।