Friday, September 19

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 26 मार्च :

अपने हकों के लिए 13 महीनों से सरहदों पर चल रहे किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को पंजाब (आआपा) सरकार द्वारा विफल करने तथा पीठ में छुरा घोंपकर किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद अब किसानों को अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई तथा क्षतिग्रस्त सामान के मुआवजे के लिए आवाज उठाने से भी रोका जा रहा है।

यह विचार व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के जिला फरीदकोट प्रधान बोहड़ सिंह रुपैया ने गांव डल्लेवाला में चल रहे धरने के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भगवंत मान (आआपा) सरकार ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लगा दिया है तथा लोगों को खुली हवा में सांस लेने पर पाबंदी लगाई जा रही है। जबकि जर्मन शासक एडोल्फ हिटलर ने अपने देशवासियों पर खुली हवा में सांस लेने पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था। मध्य रात्रि में, इस तथ्य के बावजूद कि किसान के घर में केवल दो महिलाएं मौजूद थीं, तथा इस तथ्य के बावजूद कि पुलिस के साथ कोई महिला कर्मचारी नहीं थी, पुरुष पुलिस कर्मियों ने फरीदकोट जिले के गांव पक्का में तेजा सिंह के घर पर छापा मारा, तथा घर में मौजूद महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की।

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के लोगों को यह उम्मीद नहीं थी कि धरनों से निकली पार्टी लोगों से खुली हवा में सांस लेने की आजादी छीन लेगी। जिस तरह यह भगवंत मान सरकार पुलिस बल के बल पर लोगों को उनके घरों में घुसने पर मजबूर कर रही है, उसी तरह पंजाब (आआपा) सरकार भी उन्हें अपने ही गांवों में अपने किसानों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने से रोक रही है, जिन्हें पीठ में छुरा घोंपकर गिरफ्तार किया गया है।

पंजाब (आआपा) सरकार ने पहले तो खनौरी और शंभू बॉर्डर पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को सड़क बंद करने के बहाने चाकू मारा, उन्हें मीटिंग में बुलाया, गिरफ्तार किया और फिर उन पर हमला करके विरोध प्रदर्शन को नष्ट कर दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। अब किसान अपने ही गांव दल्लेवाल में धरने पर बैठ गए हैं! उन्होंने कोई सड़क अवरुद्ध नहीं की है! लेकिन फिर भी पंजाब सरकार लोगों के घरों पर छापे मार रही है और उन्हें गिरफ्तार कर रही है। जिसमें संगरूर जिला अध्यक्ष सुरजीत सिंह व गुरप्रीत सिंह रामयाणा को पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर कहां ले जाया गया? उनका कोई पता नहीं है और उनके अलावा चरणजीत सिंह सुखनवाला, हरनेक सिंह मिद्दू मान, केवल सिंह सुखनवाला, गुरप्रीत सिंह सरपंच चंद बाजा, सोना सिंह मिश्री वाला और सुखजीवन सिंह ढिलवां को पुलिस ने लोगों की आवाज दबाने की कोशिश में गिरफ्तार किया है।