Wednesday, March 26

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 25 मार्च 2025

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः एकादशी रात्रि काल 03.46 तक है, 

वारः मंगलवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः श्रवण रात्रि काल 03.50 तक है, 

योग शिव सांय काल 02.53 तक है, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मीन, 

चन्द्र राशिः मकर,

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.23, सूर्यास्तः 06.31 बजे।