पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 24 मार्च :
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि वर्तमान परिवेश में हम सभी को प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आपातकालीन परिस्थितियों में सही समय पर मिलने वाली प्राथमिक चिकित्सा किसी व्यक्ति का जीवन बचा सकती है। जीव रक्षा व पर्यावरण सरंक्षण मानव जीवन का मुख्य सिद्धांत होना चाहिए। गुरु जंभेश्वर जी महाराज ने भी यही संदेश दिया है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुजविप्रौवि के यूथ रेड क्रॉस सोसायटी (वाईआरसी) तथा जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा एवं आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि गुजविप्रौवि गुरु जंभेश्वर जी महाराज के सिद्धांतों पर चलते हुए जीव रक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। विश्वविद्यालय में वाईआरसी की स्थापना विश्वविद्यालय की इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हृदयघात की घटनाएं सामने आ रही हैं, इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं। ऐसे में सीपीआर के बारे में उचित जानकारी से पीड़ित व्यक्ति के जीवन को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा एवं आपदा प्रबंधन जैसे कार्यक्रम विश्वविद्यालय स्तर से लेकर, जिला एवं राज्य स्तर पर भी करवाए जाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय की वाईआरसी की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि सोसायटी ने सराहनीय गतिविधियों से विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। कुलपति ने मानव मॉडल डमि पर सीपीआर की प्रेक्टिकल भी की।
प्राथमिक चिकित्सा एवं आपदा प्रबंधन विषय पर हुई इस एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की यूथ रैड क्रॉस सोसायटी के कार्यक्रम अधिकारी डा. महाबीर प्रसाद ने की। कार्यशाला में डा. सुरेंद्र श्योराण तथा जिला रैड क्रॉस सोसायटी से आए प्रशिक्षक कुलदीप ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्राथमिक सहायता, सदमा, हड्डी की टूट के उपचार, पट्टियां, रक्त एवं रक्त स्राव की प्राथमिक सहायता, बेहोशी, घाव, विष, जलना व झुलसना के बारे में प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी दी।
डा. महाबीर प्रसाद ने अपने स्वागत संबोधन में वाईआरसी की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वाईआरसी के स्वयंसेवकों ने प्रदेश तथा राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इस अवसर पर डा. सुरेंद्र श्योराण द्वारा प्राथमिक चिकित्सा पर लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला में 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को प्राथमिक चिकित्सा में विशेषकर सीपीआर के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रतिभागी विद्यार्थियों को सीपीआर का अभ्यास भी करवाया गया। प्रतिभागियों को बताया गया कि प्राथमिक चिकित्सा तभी देनी चाहिए जब उसके बारे में जानकारी हो। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिए गए। प्रतिभागियों के लिए यह कार्यशाला अत्यंत उपयोगी रही। इस अवसर पर डा. मनीष अहुजा, डा. सी.पी. कौशिक व कंसलटेंट विमल झा उपस्थित रहे।