Thursday, March 20

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 20 मार्च 2025

नोटः आज सूर्य सायन मेष में उत्तर गोल प्रारम्भ है। तथा एकनाथ षष्ठी है।

एकनाथ षष्ठी त्योहार संत एकनाथ महाराज के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है तथा उनके द्वारा किए गए सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यों को याद दिलाता है। साथ ही उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की हमें प्रेरणा भी देता है। उन्हें ‘ज्ञानाचा एका’ नाम से भी जाना जाता है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः षष्ठी रात्रि काल 02.46 तक है, 

वारः गुरूवार। 

नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः अनुराधा रात्रि काल 11.32 तक है, 

योग वज्र सांय काल 06.20 तक है, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः वृश्चिक,

राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.29, सूर्यास्तः 06.28 बजे।