Friday, March 21

डेमोक्रेटिक फ्रंट, ऊना – 20 मार्च :

हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से क्रैक अकादमी ने जिले में ‘ मेरे शहर के 100 रत्न ‘ स्कॉलरशिप कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल के तहत प्रदेशभर के 6,800 छात्रों को विभिन्न पर्वतीय विश्वविद्यालयों की मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। रेस्तरां को ऊना उपनगर क्रैक अकादमी की टीम ने यहां एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान प्रस्तुति दी जिले में स्कॉलरशिप प्रोग्राम लॉन्च किया गया घोषणा की ।

इस पहल के तहत प्रदेशभर के 6,800 छात्रों को विभिन्न पर्वतीय विश्वविद्यालयों की मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। इस योजना के तहत क्रैक अकादमी हर विधानसभा क्षेत्र से 100 मेधावी छात्रों को मुफ्त कोचिंग सेवाएं प्रदान करेगी। इस पूरी योजना में करीब 34 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

क्रैक अकादमी के अनुसार चयन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के जंगलों और जेलों में परीक्षा आयोजित की जाएगी। कक्षा 6 और उसके ऊपर के छात्र भाग ले लो। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से शीर्ष 100 छात्रों को मुफ्त कोचिंग मिलेगी , जबकि अगले 200 छात्रों को 75% और उसके बाद के 500 छात्रों को 50% की छूट दी जाएगी। क्रॉक अकादमी में छात्रों को उनके लक्ष्य को निर्देशित करने के लिए निर्देशित किया जाता है। राज्य सरकार इस योजना को सफल बनाने में सफलता पाने के लिए क्रैक अकादमी को पूरा सहयोग करेगी। अकादमी टेस्ट पेपर तैयार करने की तैयारी , जबकि परीक्षा की निगरानी शिक्षा विभाग।


क्रैक अकादमी के संस्थापक और सीईओ , नीरज कंसल ने कहा कि शिक्षा ही सफलता की कुंजी है। हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ हमारी यह भागीदारी राज्यभर के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केवल एक परीक्षा तक सीमित नहीं है , बल्कि छात्रों को नशा करना , बच्चों को दूर करना और उनके भविष्य को संवारने का अवसर है। हम छात्र-छात्राओं से आग्रह है कि वे इस मोती मस्जिद का पूरा लाभ उठाएं और अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं।

इसके अलावा , क्रॉक अकादमी अकादमी के रिज पर स्थित पुस्तकालय के अध्ययन और अध्ययन पर 1.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस इमारत की ऐतिहासिक विरासत को बनाए रखा जाए और इसे आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाए , जिससे छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। स्कॉलरशिप प्रोग्राम के अलावा , क्रैक एकेडमी स्टेट की समीक्षा में 4,500 अनाथ बच्चों को भी सहायता दे रही है। यह संस्था हर साल बच्चों को कई कोर्स करने का मौका देती है , जब तक वे अपने करियर के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते। इसका पहला मकसद बच्चों को लगातार शिक्षा और मार्गदर्शन देना है , जिससे वे अच्छी पढ़ाई कर सकें और अपने भविष्य को मजबूत बना सकें।