Sunday, March 16

वृद्धावस्था पेंशन बढ़ोतरी मामले में चण्डीगढ़ प्रशासन को झूठा करार दे रही है केंद्र की भाजपा शासित सरकार : कृष्ण लाल बवेजा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 15 मार्च :

चण्डीगढ़ में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने के मुद्दे पर केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में चण्डीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी के सवाल के जवाब में चण्डीगढ़ प्रशासन को झूठा करार दे दिया। ये कहना हैं चण्डीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्ण लाल बवेजा का।  

उन्होंने कहा कि लोकसभा में मनीष तिवारी ने इस मामले को उठाते हुए पूछा था कि पेंशन वृद्धि का प्रस्ताव अब तक क्यों लंबित है तो केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि हमें चंडीगढ़ प्रशासन से पेंशन बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि चंडीगढ़ प्रशासन का कहना है कि प्रस्ताव भेजा हुआ है और मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। कृष्ण लाल बवेजा ने इस बाबत चण्डीगढ़ प्रशासन के पत्र व्यवहार को सार्वजनिक करते हुए कहा कि इस मसले में प्रशासन ने तो केंद्र को पत्र प्रेषित किए हुए हैं, परन्तु केंद्र की भाजपा शासित सरकार इस पर कुंडली मार कर बैठी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चण्डीगढ़ में कांग्रेस का सांसद होने के कारण यहां के जनता से मोदी सरकार भेदभाव कर रही है। इससे पहले भी पिछले लगभग 9 महीनों में चण्डीगढ़ की विभिन्न समस्याओं एवं योजनाओं को लेकर सांसद मनीष तिवारी ने संसद में जितने भी सवाल उठाए हैं, उनमें हरेक का जवाब नकारात्मक ही दिया गया। इससे पता चलता है कि केंद्र की भाजपा शासित सरकार की झोली में चण्डीगढ़ के लिए कुछ भी नहीं है।  

समय पर नहीं मिलती पेंशन, बुजुर्गों को हो रही परेशानी

कृष्ण लाल बवेजा ने बताया कि चण्डीगढ़ में लगभग 2 लाख लोग वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन पर निर्भर हैं, लेकिन महंगाई बढ़ने के बावजूद पेंशन की राशि वर्षों से जस की तस है। इस बारे में मनीष तिवारी ने 12 सितंबर 2024 को चंडीगढ़ के प्रशासक को पत्र लिखकर पेंशन बढ़ाने की मांग की थी जिस पर प्रशासन ने केंद्र को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को चण्डीगढ़ के समाज कल्याण विभाग ने सांसद को भेजे पत्र में साफ़ लिखा है कि इस बाबत केंद्र सरका को प्रस्ताव भेज दिया गया हुआ है।

बवेजा ने कहा कि केंद्र सरकार के रवैये के कारण जहां एक तरफ पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही, वहीँ पेंशन भी अक्सर 3-4 महीने की देरी से मिलती है, जिससे बुजुर्गों को दवाइयां खरीदने और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में मुश्किलें हो रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये की कड़ी निंदा की।