वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उनका पूरा संगठन अनिल विज के साथ खड़ा है और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री से मांग की है कि अनिल विज जैसे नेताओं को हरियाणा में गृह विभाग ही मिलना चाहिए ताकि हरियाणा की जनता को निरंतर इंसाफ मिलता रहे
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अंबाला – 15 मार्च :
हरियाणा के लगातार तीसरी बार कैबिनेट मंत्री अनिल विज भाजपा पार्टी में रहकर एक अवतार के रूप में लोगों की सेवा कर रहे हैं और उन्होंने जनता के दिमाग में नहीं बल्कि दिलों में जगह बनाई। उपरोक्त शब्द एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने अनिल विज के निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहे। वीरेश शांडिल्य आज बिजली, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज के 72वें जन्मदिन पर उनके छावनी स्थित निवास पर अपने संगठन के सैंकड़ों लोगों के साथ उन्हें बधाई देने पहुंचे। इस मौके पर सुरेंद्र पाल केके, हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन, एडवोकेट ईशान भारद्वाज, मनीष पासी, राजिंदर सिंह बिट्टू, शिव रंजन, मोहन लाल धीमान, संजीव सेठ, महिंंदर धीमान, सुदेश जैन मिट्ठा, भरत सेठ सहित संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह उस मां को नमन करते हैं उसकी कोख को नमन करते हैं जिन्होंने अनिल विज जैसा बेटा अंबाला को दिया जो बेदाग हैं और अहंकार से कोसों दूर नर सेवा नारायण सेवा के सिद्धांत पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर राजनेता को अनिल विज की तरह जनता के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
वीरेश शांडिल्य ने कहा कि भाजपा पार्टी में अनिल विज एक अवतार के रूप में काम कर रहे हैं और हरियाणा में भाजपा को बुलंदिया देने में अनिल विज का बहुत बड़ा योगदान है। बतौर गृह मंत्री अनिल विज की सेवाओं को पूरी दुनिया याद करती है। यही नहीं वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह दुआ करते हैं कि हर राजनेता की सोच अनिल विज जैसी हो जो अस्पताल के डेथ बेड पर पड़े होकर अपनी जनता के बारे में सोचते हैं। वीरेश शांडिल्य ने अनिल विज के लिए कहा कि अंदाजे से न नापिये अनिल विज की हस्ती को, ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे होते हैं। वहीं वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उनका पूरा संगठन अनिल विज के साथ खड़ा है और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री से मांग की है कि अनिल विज जैसे नेताओं को हरियाणा में गृह विभाग ही मिलना चाहिए ताकि हरियाणा की जनता को निरंतर इंसाफ मिलता रहे। अंत में वीरेश शांडिल्य ने अनिल विज के लिए एक शेयर गाया कि ये अलग बात है कि खामोश खड़े रहते हैं फिर भी जो लोग बड़े हैं वो बड़े रहते हैं। ऐसे दरवेशों से मिलता है मेरा शिजरा, जिनके जूतों पर कई ताज पड़े रहते हैं।