विश्व किडनी दिवस: स्वस्थ भविष्य के लिए किडनी स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
किडनी रोग एक साइलेंट किलर है, समय पर जांच ही बचाव का उपाय : डॉ. नवजीत सिंह सिद्धू
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 13 मार्च :
विश्व किडनी दिवस का उद्देश्य किडनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत में 13 प्रतिशत से अधिक वयस्क क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से प्रभावित हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप इसके प्रमुख कारण हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसका पता तब लगाते हैं जब बीमारी गंभीर अवस्था में पहुंच जाती है। समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, कम नमक का सेवन, रक्तचाप और शुगर का नियंत्रण, पर्याप्त जल सेवन और सक्रिय जीवनशैली किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
पारस हेल्थ पंचकूला के विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द पहचान और रोकथाम से सीकेडी के मामलों को कम किया जा सकता है। नेफ्रोलॉजी विभाग के निदेशक डा. नवजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि किडनी रोग एक ‘साइलेंट किलर’ है, जिसका देर से पता चलता है। नियमित जांच से जटिलताओं को रोका जा सकता है। यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के निदेशक डॉ. एयर कमांडर गुरविंदर सिंह सेठी का कहना है कि एक साधारण परीक्षण से शुरुआती अवस्था में किडनी की समस्या का पता लगाया जा सकता है, जिससे बेहतर इलाज संभव हो सके। वहीं, यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. मनीष सिंगला का कहना है कि गुर्दे की पथरी और रुकावटों को नज़रअंदाज़ करना गंभीर समस्या बन सकता है। समय पर इलाज किडनी की कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
किफायती किडनी देखभाल तक पहुंच अब भी एक चुनौती बनी हुई है, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में। विश्व किडनी दिवस पर, हम सभी को किडनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र निदान को बढ़ावा देने और निवारक उपाय अपनाने की प्रतिबद्धता लेनी चाहिए। सही जानकारी और समय पर जांच से हम किडनी रोगों को रोक सकते हैं और एक स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।