फोर्टिस मोहाली ने सहायक ग्रुप के साथ विश्व किडनी दिवस मनाया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 13 मार्च :
किडनी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने विश्व किडनी दिवस के अवसर पर सहायक-(डायलिसिस मरीजों के सहायता समूह) के साथ विशेष सत्र आयोजित किया। इस दौरान फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अमित शर्मा ने किडनी रोगों की रोकथाम में समय पर पहचान और जांच के महत्व पर जोर दिया।
हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को मनाए जाने वाले विश्व किडनी दिवस की थीम इस वर्ष है— “क्या आपकी किडनी ठीक है? जल्दी जांच करवाएं, किडनी की सेहत बचाएं।” इस आयोजन का उद्देश्य मरीजों और उनके परिवारों को किडनी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए चिकित्सीय, आहार संबंधी और मानसिक पहलुओं की जानकारी देना था।
इस सत्र में लगभग 35 डायलिसिस मरीज अपने परिवारों के साथ शामिल हुए। डॉ. शर्मा ने एक इंटरएक्टिव चर्चा का नेतृत्व किया, जिसमें क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई ताकि प्रतिभागी किडनी स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि जोखिम कारकों, शुरुआती लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज से क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के मामलों को कम किया जा सकता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सीकेडी दुनिया की लगभग 10 फीसदी आबादी को प्रभावित करता है, जिनमें से 80 प्रतिशत मामले निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में पाए जाते हैं। अकेले भारत और चीन में इस बीमारी के 35 फीसदी मामले दर्ज किए जाते हैं। सीकेडी के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण बढ़ती उम्र, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और वातावरणीय प्रदूषण और विषैले तत्वों का संपर्क है। इसलिए, नियमित और समय पर किडनी की जांच बहुत जरूरी है।
वे लोग जिनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, मोटापा, परिवार में किडनी रोग का इतिहास, बार-बार किडनी स्टोन बनना, जन्मजात किडनी संबंधी समस्याएं, विषैले पदार्थों के संपर्क में आना, या कुछ संक्रमण (जैसे हेपेटाइटिस बी, सी, एचआईवी और पैरासाइट्स) हैं, उन्हें किडनी रोग होने का अधिक खतरा रहता है।
किडनी की सेहत के लिए अपनाएं ये 8 गोल्डन रूल्स अपनाए जैसे स्वस्थ आहार लें, पर्याप्त पानी पिएं, नियमित व्यायाम करें, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें, ब्लड शुगर की निगरानी करें, धूम्रपान से बचें, दर्द निवारक दवाओं का सीमित उपयोग करें, जोखिम वाले लोगों के लिए नियमित किडनी फंक्शन टेस्ट कराएं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि किडनी खराब होने पर लक्षण दिखने से पहले 80-90 प्रतिशत तक इसकी कार्यक्षमता खोई जा सकती है। इसलिए, नियमित यूरिन टेस्ट, ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट टेस्ट, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करना जरूरी है।
शुरुआती पहचान से बीमारी की प्रगति धीमी की जा सकती है, जटिलताओं और मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और चिकित्सा खर्च भी कम होता है।
फोर्टिस अस्पताल, मोहाली किडनी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता और शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित है।