डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 12 मार्च :
आज चंडीगढ़ के सेक्टर 8 स्थित सामुदायिक केंद्र में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विचारोत्तेजक चर्चा आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख एकत्रित हुए। इस सत्र का उद्देश्य समन्वित चुनावों के महत्व तथा इस सुधार की वकालत करने में गैर सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार करना था।
चर्चा का नेतृत्व स्थानीय पार्षद महेशइंदर सिद्धू और कानूनी विशेषज्ञ एडवोकेट लेखराज शर्मा ने किया, जिन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव के कार्यान्वयन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, लाभ और व्यवहार्यता पर अपने विचार साझा किए।
अपने संबोधन में महेशइंदर सिद्धू ने शासन को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्थिरता में चुनाव सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार बार-बार होने वाले चुनावों से शासन व्यवस्था बाधित होती है, वित्तीय बोझ बढ़ता है तथा विकासात्मक पहल प्रभावित होती हैं। गैर सरकारी संगठनों से सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, “नागरिक समाज हमेशा सकारात्मक बदलाव में सबसे आगे रहा है। “सुचारू शासन और राष्ट्रीय प्रगति सुनिश्चित करने के लिए गैर सरकारी संगठनों को एक राष्ट्र, एक चुनाव का प्रबल समर्थक बनना चाहिए।”
अधिवक्ता लेखराज शर्मा ने कानूनी परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हुए एक राष्ट्र, एक चुनाव के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध संवैधानिक प्रावधानों और कानूनी रास्तों की व्याख्या की। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार यह सुधार राष्ट्र के लिए दीर्घकालिक लाभ लेकर आएगा, स्थिरता सुनिश्चित करेगा तथा बेहतर नीति क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा।
एडवोकेट अमनदीप सिंह ने इस कार्य में भागीदारी और प्रतिबद्धता के लिए सभी एनजीओ प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उनसे एक राष्ट्र, एक चुनाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा, “इस दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने में आपकी आवाज महत्वपूर्ण है।” यह सुधार, विकसित भारत की दिशा में एक कदम है और गैर सरकारी संगठन जन समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।”
इस कार्यक्रम का आयोजन अजय सिंगला द्वारा किया गया, जिन्होंने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय करने तथा इस महत्वपूर्ण सुधार पर चर्चा करने के लिए हितधारकों को एक साथ लाने की पहल की। संवाद को बढ़ावा देने और सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के उनके प्रयासों की उपस्थित लोगों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई।
सत्र का समापन एनजीओ नेताओं की एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार को सक्रिय रूप से समर्थन और बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिससे राष्ट्रीय प्रगति के उत्प्रेरक के रूप में उनकी भूमिका मजबूत हुई।