Monday, March 10

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 मार्च 2025

नोटः आज आमलकी एकादशी व्रत है। तथा भगवान गोविन्द द्वादशी व्रत एवं पूजन है।

कुछ जगहों पर गोविंद द्वादशी को तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू धर्म मे हर गोविंद द्वादशी का बड़ा महत्व है। गोविंद द्वादशी का व्रत करने वालों को दान, पुण्य, हवन, तर्पण आदि का बड़ा महत्व बतलाया गया है। मान्यता है कि जो कोई भी मानव इस दिन दान करता है उसको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। वह मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति को वैकुण्ठ धाम मिलता है। कुछ उत्तर भारतीय राज्यों में, गोवत्स द्वादशी को वाघ के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसका अर्थ है किसी के वित्तीय ऋणों का पुनर्भुगतान। यह इसलिए एक ऐसा दिन है जब व्यवसायी अपनी लेखा पुस्तकों को साफ़ करते हैं और अपने नए खातों में आगे कोई लेनदेन नहीं करते हैं।

आमलकी एकादशी व्रत इस व्रत को भीमसेन एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि पाँच पाण्डवों में एक भीमसेन ने इस व्रत का पालन किया था और वैकुंठ को गए थे। इसलिए इसका नाम भीमसेनी एकादशी भी हुआ। सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत कर लेने से अधिकमास की दो एकादशियों सहित साल की 25 एकादशी व्रत का फल मिलता है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः फाल्गुऩ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः एकादशी प्रातः काल 07.45 तक है,

वारः सोमवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुष्य रात्रि काल 12.52 तक है, 

योग शोभन दोपहर काल 01.57 तक है, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः कर्क,

राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.41, सूर्यास्तः 06.23 बजे।