डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 01 मार्च :
(10th कक्षा कि हरियाणा बोर्ड की परीक्षा शुरू होते ही बोर्ड के प्रति हर स्कूल्स और विद्यार्थियों में निराशा दिखाई दे रही है) 10th कक्षा के विद्यार्थियों के हाथ में जैसे ही गणित का पेपर आया विद्यार्थियों के यह देखकर होश उड़ गए कि गणित का पेपर जो अपने आप में विद्यार्थियों के लिए एक कठिन परीक्षा होती है उसमे पेपर सिलेबस से बाहर था और प्रश्न पत्र भी इस प्रकार से तैयार किया गया था जिसके उत्तर उनकी समझ से बहार थे,
कुलभूषण शर्मा ने कहा बोर्ड की जिम्मेदारी बनती है की वह विद्यार्थियों को उस प्रकार के प्रश्न पत्र दे जिस प्रकार बच्चों को तैयारी कराई जाती है या बोर्ड सेशन शुरू होने से पहले ही स्कूल्स को सैंपल पेपर्स और क्वेश्चन बैंक उपलब्ध करवाए की इस प्रकार की पद्धति से बोर्ड की परीक्षा ली जाएगी|
शर्मा ने कहा 10th की परीक्षा से बच्चे के भविष्य का आधार बनता है और वह अपने भविष्य का रास्ता तय करते है | बोर्ड का काम सिर्फ फीस लेकर परीक्षा को निपटना नहीं होता अपितु बच्चों को परीक्षा के अनुरूप तैयार करवाना भी है, ताकि वे भयमुक्त और तनाव रहित परीक्षा दे सके |
उन्होंने कहा अगर हर विद्यालय से यह शिकायत आ रही है की परीक्षा सही नहीं थी तो यह बोर्ड की असफलता की तरफ इशारा करती है उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री और माननीय शिक्षामंत्री जी से मांग की, के प्रदेश के विद्यार्थियों के संरक्षक होने के नाते आप तुरंत बोर्ड अधिकारीयों को बुला कर विद्यार्थियों को ग्रेस मार्क्स देने की घोषणा कर राहत प्रदान करे और आने वाली परीक्षा को भी लेकर भयभीत है उस पर बोर्ड से स्पष्टीकरण मांगे और आगे से ऐसी स्तिथि पैदा ना हो बोर्ड में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठायें क्योंकि प्रदेश के बच्चों का भविष्य सर्वोपरि होना चाहिए बोर्ड को उनके भविष्य से खिलवाड़ की अनुमति किसी भी कीमत पर नहीं मिलनी चाहिए |