- विद्यार्थी तकनीकी और तार्किक सोच विकसित करें : डॉ. हरमुनीश तनेजा
- नियमित ज्ञान और तकनीकी कौशल में वृद्धि प्रत्येक विद्यार्थी की सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा होनी चाहिए : डॉ. मंदीप के. गिल
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 27 फ़रवरी :
डीएवी कॉलेज, चण्डीगढ़ के कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग ने अंतर विभागीय वार्षिक तकनीकी प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम टेक्नोवेशन-2025 का आयोजन किया। तकनीकी कार्यक्रम में छात्रों को आत्मविश्वास बढ़ाने, रचनात्मकता लाने विश्लेषणात्मक महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए दिलचस्प प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जो अन्यथा पारंपरिक कक्षा शिक्षण और सीखने में संभव नहीं है।
युवा टेक्नोक्रेट्स के लिए मुख्य आकर्षण कोड-डिबगिंग कार्यक्रम था जहां प्रतिभागियों ने गलत स्रोत कोड का मूल्यांकन करने और उसमें त्रुटि को उजागर करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। वेब एप्लिकेशन डेवलपमेंट इवेंट में प्रतिभागियों ने ऑनलाइन एप्लिकेशन विकसित करके अपनी रचनात्मकता, कल्पना और वेब डिजाइनिंग कौशल का प्रदर्शन किया, जो उत्तरदायी स्केलेबल, मजबूत सुरक्षा बुनियादी ढांचे और समृद्ध उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस के साथ एकीकृत थे। पहेली-सुलझाने की प्रतियोगिता मनोरंजक प्रतिस्पर्धा अनुभव साबित हुई जहां प्रतिभागियों ने सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम नवाचारों के आधार पर पहेलियों को हल किया। तकनीकी प्रश्नोत्तरी प्रतिभागियों और दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुई। क्विज़ मास्टर इन्फोमैथ्स, चंडीगढ़ की अर्पणा ग्रोवर ने अपनी जीवंत और आकर्षक शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए समारोह के संयोजक डॉ. हरमुनीश तनेजा ने वर्तमान समय को चुनौतीपूर्ण बताया और विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थी कुछ नया सीखेंगे और वेब विकास, आगामी तकनीकी क्षेत्रों और तार्किक क्षमता के क्षेत्र में अपने कौशल को बढ़ाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से तकनीकी और तार्किक सोच विकसित करने का आह्वान किया। कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के प्रमुख डॉ. मंदीप के. गिल ने संकाय के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नियमित ज्ञान और तकनीकी कौशल में वृद्धि प्रत्येक विद्यार्थी की सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देखी गई। लगभग 200 विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपने तकनीकी ज्ञान और कौशल से न्यायाधीशों और दर्शकों को प्रभावित किया।