पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 फरवरी 2025
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नोटः आज सोम प्रदोष व्रत है। सोमवार को त्रयोदशी तिथि आने पर इसे सोम प्रदोष कहा जाता है। यह व्रत रखने से इच्छा अनुसार हर फल प्राप्ति होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो, तो उसे सोम प्रदोष जरूर नियम पूर्वक रखना चाहिए। अक्सर लोग संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखते हैं।
विक्रमी सवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः माघ़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः त्रयोदशी सांयः काल 06.58 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुनर्वसु सांय काल 06.01 तक है,
योग प्रीति प्रातः काल 10.27 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.08, सूर्यास्तः 06.04 बजे।