Wednesday, March 12
  • सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ ने पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी जारी न होने पर चिंता जताई
  • डीएल और आरसी प्रोजेक्ट को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज इनकॉरपोरेटेड (एनआईसीएसआई) के माध्यम से लागू किया जाए: डॉ. कमल सोई

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 07 फ़रवरी :

अंतरराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य, डॉ. कमल सोई ने आज पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस और रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट(आरसी) जारी न होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा है कि राज्य में डीएल और आरसी जारी न होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की निष्क्रियता के चलते सभी आवेदनों की प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे आम जनता में आक्रोश और असंतोष बढ़ रहा है।

आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए, डॉ. कमल सोई ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार, पूर्व वेंडर स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड ने नवंबर 2024 में हाई कोर्ट से अनुमति प्राप्त करने के बाद इस प्रोजेक्ट से बाहर होने का निर्णय लिया, क्योंकि 2019 में निर्धारित दरें तब तक व्यावहारिक नहीं रह गई थीं।

डीएल और आरसी जारी करने की प्रक्रिया को निरंतर बनाए रखने के लिए, परिवहन विभाग ने वर्ष 2019 की निविदा में भाग लेने वाले एल-2 और एल-3 वेंडरों से लिखित सहमति मांगी थी, ताकि वे पूर्व वेंडर की शेष अनुबंध अवधि (29 सितंबर 2025 तक) के दौरान उन्हीं शर्तों पर इस प्रोजेक्ट को जारी रख सकें। हालांकि, एल-3 वेंडर ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, लेकिन एल -2 वेंडर, एम टेक इन्नोवशन्स लिमिटेड ने अपनी सेवाएं देने की सहमति दी। उन्होंने यह सहमति दी कि वे तब तक अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे जब तक परिवहन विभाग कोई नया वेंडर नहीं चुन लेता।

उन्होंने कहा, “मेरी समझ के अनुसार, परिवहन विभाग ने 20 नवंबर 2024 को माननीय हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि वह पिछले वेंडर से नए वेंडर को प्रोजेक्ट का हस्तांतरण एक महीने के भीतर पूरा कर देगा। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

राज्य में डीएल और आरसी जारी न होने से जनता में आक्रोश और असंतोष बढ़ता जा रहा है। वास्तव में, परिवहन विभाग ने 16 दिसंबर 2024 से प्रोजेक्ट के अधिग्रहण और 21 दिसंबर 2024 तक समझौते को क्रियान्वित करने के लिए चुने गए वेंडर लेटर ऑफ इंटेंट (एल ओ आई)) जारी कर दिया था। लेकिन प्रोजेक्ट के अधिग्रहण की बात तो दूर, पिछले एक महीने में चुने गए वेंडर ने न तो प्रोजेक्ट लेने के लिए कोई बैंक गारंटी जमा की है और न ही इसे संभालने के लिए कोई कदम उठाया है। इसके चलते जनता पूरी तरह असमंजस में है, और राज्य में डीएल व आरसी की लंबित फाइलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

उपरोक्त स्थिति को देखते हुए, जहां राज्य में डीएल और आरसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह रुकी हुई है और परिवहन विभाग जिस धीमी गति से इस मामले को आगे बढ़ा रहा है, ऐसे में यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि परिवहन विभाग जल्द ही डीएल और आरसी जारी करने के लिए नई निविदा जारी करेगा और अगले तीन महीनों में इस प्रक्रिया को पूरा कर पाएगा।

डॉ. सोई ने कहा कि उपरोक्त स्थिति को देखते हुए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनता को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो, यह सुझाव दिया जाता है कि जब तक परिवहन विभाग निविदा प्रक्रिया के माध्यम से डीएल और आरसी जारी करने के लिए नया वेंडर नियुक्त नहीं कर लेता, तब तक इस प्रोजेक्ट को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज इनकॉरपोरेटेड इन(एनआईसीएसआई) के माध्यम से लागू किया जाए। एनआईसीएसआई पूरी तरह से सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आती है और पिछले 25 वर्षों से परिवहन क्षेत्र में अपनी विश्वसनीय सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके पास सक्षम और विश्वसनीय वेंडरों का एक पैनल है, जो सरकारी प्रक्रियाओं के जीएफआर (जनरल फाइनेंसियल रूल्स) का पूरी तरह से पालन करते हैं। एनआईसीएसआई ने जीएफआर 174(ई) दिनांक 01/03/2019 के अनुसार कार्ड-आधारित ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्रोजेक्ट के लिए योग्य वेंडरों को शॉर्टलिस्ट और पैनल में शामिल किया है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जब तक नई निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोई नया वेंडर चयनित नहीं हो जाता, हम परिवहन विभाग से अनुरोध करते हैं कि वह पंजाब राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट छपाई का ठेका एनआईसीएसआई को दे। इससे मौजूदा समस्या का समाधान हो सकेगा और जनता को अपने ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न मिलने के कारण अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।