Thursday, January 30

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 29 जनवरी 2025

नोटः आज माघ मौनी अमावस व्रत तथा कुम्भ महापर्व तृतीय तथा गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ है।

गुप्त नवरात्रों में मां दुर्गा की पूजा का विधान होता है, यह गुप्त नवरात्र साधारण जन के लिए नहीं होते हैं मुख्य रुप से इनका संबंध साधना और तंत्र के क्षेत्र से जुड़े लोगों से होता है। इन दिनों भी माता के विभिन्न रूपों की पूजा का विधान होता है। जैसे नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है उसी प्रकार इन गुप्त नवरात्रों में भी साधक माता की विभिन्न प्रकार से पूजा करके उनसे शक्ति और सामर्थ्य की प्राप्ति का वरदान मांगता है।

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है।  मौन व्रत का अर्थ खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में खो जाने से है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इससे तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः माघ़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः अमावस सांय काल 06.06 तक है, 

वारः बुधवार, 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा प्रातः काल 08.21 तक है, योग सिद्धि रात्रि काल 09.22 तक है, करणः नाग, 

सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः मकर,

 राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.51 बजे।