पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 28 जनवरी 2025

नोटः आज शाही स्नान तथा तीर्थ स्नान माहात्म्य : शाही स्नान, महाकुंभ मेले का एक प्रमुख अनुष्ठान है। यह पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का आयोजन होता है। शाही स्नान को ‘राजयोग स्नान’ भी कहा जाता है। यह मेले का सबसे प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः माघ़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः चतुर्दशी सांय काल 07.37 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा प्रातः काल 08.59 तक है,
योग वज्र रात्रि काल 11.51 तक है,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः धनु,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.15, सूर्यास्तः 05.53 बजे।