Sunday, January 26

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 25 जनवरी 2025

नोटः षट्तिला एकादशी व्रत है: पूरे विधि-विधान से षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और गरीब लोगों में तिल का दान करने से साधक के जीवन में दुर्भाग्य के साथ-साथ दरिद्रता भी दूर होती है। इसी के साथ प्रभु श्रीहरि की कृपा से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलत है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः माघ़ 

पक्षः कृष्ण,

तिथिः एकादशी रात्रि काल 08.32 तक है, 

वारः शनिवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः ज्येष्ठा की (वृद्धि है जो रविवार को प्रातः काल) 08.26 तक है, 

योग धु्रव रात्रि काल 04.08 तक है, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः वृश्चिक,

 राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 07.17, सूर्यास्तः 05.51 बजे।