Saturday, January 11

आईडब्ल्यूडीसी ने राष्ट्रीय जलमार्गों पर बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए कदम उठाए, पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  11 जनवरी :

भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के प्रचार और विकास पर नीति विचार-विमर्श के लिए सर्वोच्च संस्था इंलैंड वॉटरवेज डेवलपमेंट काउंसिल ने राष्ट्रीय जलमार्गों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बड़े घोषणाओं की पेशकश की है।

इनलैंड वॉरवेस डेवेलपमेंट कॉउंसिल(आईडब्ल्यूडीसी) जो बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है, द्वारा आयोजित की दूसरी बैठक में अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की घोषणा की गई। इस बैठक में 21 अंतर्देशीय जलमार्ग वाले राज्यों के लिए 1400 करोड़ रुपए से अधिक की नई पहलों की शुरुआत की गई। इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन मिनिस्टर पोर्ट्स, शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की।

इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आईडब्ल्यूडीसी ने कॉर्पोरेटिव फेडेरालिजम के लिए एक नया आयाम प्रस्तुत किया है, जहां केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर अंतर्देशीय जलमार्गों को सुदृढ़ बनाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया है। ऐतिहासिक रूप से, सभ्यताओं के विकास में अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, लेकिन यह पहलू 2014 तक उपेक्षित रहा। हमारे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम रेल और सड़कों पर दबाव को कम करने और यात्रियों और मालवाहकों के लिए एक सस्ता, सतत, और कुशल परिवहन माध्यम प्रदान करने हेतु अंतर्देशीय जलमार्गों के सहायक तंत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।”

 केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 1400 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ 21 राज्यों में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन नेटवर्क को बढ़ावा देने की पहलों की शुरुआत की। अंतर्देशीय जहाजों की निर्बाध और सतत आवाजाही सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नेशनल रिवर ट्रैफिक एंड नेविगेशन सिस्टम लॉन्च किया गया है।

रोजगार सृजन और कौशल प्रशिक्षण पर जोर देते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के उन्नयन के बड़े प्रोजेक्ट आज बैठक में पेश किए गए। देश में मजबूत आईडब्ल्यूटी नेटवर्क बनाने के लिए, सरकार सभी राष्ट्रीय जलमार्गों पर जहाज निर्माण और मरम्मत सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है।
जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि
हिमाचल प्रदेश में नदी सतलुज को चालू करने के लिए बाथिमेट्रिक सर्वे शुरू किया गया है। इसके साथ ही पंजाब में नदी ब्यास को चालू करने के लिए बाथिमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू करने की घोषणा की गई।

सोनोवाल ने नदी चिनाब और नदी रावी को पर्यटन के लिए चालू करने की घोषणा की। इसमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब में  का हिस्सा शामिल होगा। इसके अलावा, सरकार नदी सतलुज  को बाथिमेट्रिक सर्वे के लिए चालू करने की योजना बना रही है। लद्दाख में, नदी सिंधु पर दो जेटी और एक ग्रीन वेसल स्थापित किए जा रहे हैं।