Friday, January 10

गुजविप्रौवि में विश्व हिंदी दिवस पर विस्तार व्याख्यान एवं काव्य-गोष्ठी आयोजित

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 10        जनवरी  :

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के हिंदी विभाग में विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एवं स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी एवं बुद्धिजीवी जगदीप भार्गव ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। यह कार्यक्रम हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.एनके बिश्नोई के मार्गदर्शन में करवाया गया। उन्होंने प्रारंभिक स्वागतीय परंपरा का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य से सभी को अवगत करवाते हुए विश्व स्तर पर हिंदी भाषा की दशा और दिशा पर विचार किया।

कार्यक्रम में जगदीप भार्गव ने विश्व हिंदी दिवस पर चर्चा करते हुए भाषा के प्रति स्वामी विवेकानंद के योगदान की चर्चा की।  शिक्षा एवं सामाजिक उत्थान में स्वामी विवेकानंद की भूमिका पर उन्होंने संबोधन देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद ने अपनी भाषा से ही देश-विदेश में अपनी पहचान कायम की। उन्होंने कहा की भाषा का प्रभाव कभी समाप्त नहीं होता। यह भाषा का ही प्रभाव था, जो उनकी वाणी से दिव्यता और आत्मविश्वास झर-झर कर सामने आता था। उनके विचार एवं आदर्श युवाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी मार्गदर्शित करते आ रहे हैं। जिनकी आज भी उतनी ही आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि समाज सेवा के जरिए केवल समाज का ही नहीं, बल्कि व्यक्ति स्वयं का भी विकास करते हैं।

समाज सेवा ईश्वरीय सेवा का ही पर्याय है। उन्होंने कहा कि आज युवा वर्ग चुनौतियों का सामना करने से तुरंत पीछे हट जाता है और उनके जीवन में आत्मविश्वास साहस और धैर्य का अभाव देखा जा रहा है। ऐसे दौर में स्वामी विवेकानंद ने युवाओं के जीवन में जागरूकता लाते हुए ये समझाया कि सभी के जीवन में अनेक चुनौतियां आती हैं, लेकिन उन चुनौतियों का सामना हंसी खुशी से करते हुए बाधाओं को पार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना ही जीवन है। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने इस बात पर भी बल दिया कि नैतिक शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जिससे चरित्र का निर्माण हो सके।
इस अवसर पर धार्मिक अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष प्रो किशना राम बिश्नोई व हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ गीतू धवन ने विश्व साहित्य के आलोक में हिंदी के अनुदित साहित्य पर विचार सांझा किए। हिंदी विभाग की प्रवक्ता डॉ शर्मीला, डॉ कल्पना ने विश्व फलक पर हिंदी के बढ़ते विस्तार की बात करते हुए इसकी  पर महत्ता पर प्रकाश डाला।
विस्तार व्याख्यान के उपरांत हिंदी विभाग में युवा काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यालय स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रति अपने अभिरुचि को प्रदर्शित किया। शिक्षा विभाग से अपूर्वा, प्रिंटिंग से दीपक, कंप्यूटर साइंस विभाग से गुलशन, एसएसबी से भूषण, मास कम्युनिकेशन विभाग से कल्पना एवं ईशान, हिंदी स्नातकोत्तर से अदिति, पारुल, सोमनाथ, सीएसई से जयंतराज एवं तुषार, एमटेक सीएससी से प्राची ने अपनी काव्यगत कविताओं के माध्यम से भावों की अभिव्यक्ति की। जिसमें जयंतराज अपूर्वा और प्राची की कविताओं को सर्वाधिक वाहवाही मिली। कार्यक्रम में रिसर्च स्कॉलर्स सहित स्नातक और परास्नातक के सभी विद्यार्थियों ने शिरकत की।