ना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08 जनवरी 2025
नोटः आज श्रीदुर्गाष्टमी व्रत तथा भगवान महारूद्र व्रत है।
महारुद्राभिषेक एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली अनुष्ठान है जिसमें भगवान शिव की पूजा विशेष मंत्रों के साथ की जाती है। इस अनुष्ठान में शिवलिंग को विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। शिवजी का रुद्राभिषेक करते समय, ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है, ‘शिव को नमस्कार’।
मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है। 2025 में पहली मासिक दुर्गाष्टमी 08 जनवरी को मनाई जाएगी। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत ही खास माना जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः पौष़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः नवमी दोपहर काल 02.26 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी सांय काल 04.30 तक है,
योग सिद्धि रात्रि काल 08.23 तक है,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.37 बजे।