पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 जनवरी 2025
नोटः आज मार्तण्ड़ सप्तमी तथा श्री गुरू गोविन्द सिंह जयंती है।
मार्तण्ड़ सप्तमी : पौष शुक्ल सप्तमी को मार्तण्ड सप्तमी कहा जाता है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से इस दिन हवन करके गोदान करने से सालभर उत्तम फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी यानि मार्तण्ड सप्तमी को सूर्यदेव की उपासना के लिये विशेष हितकारी माना गया है।
श्री गुरू गोविन्द सिंह जयंती : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था। वहीं, नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि हर साल बदलती रहती है। इस बार ये खास तिथि आज यानी सोमवार 6 जनवरी को पड़ रही है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः पौष़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः सप्तमी रात्रि काल 06.24 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद रात्रि काल 07.07 तक है,
योग परिघ रात्रि काल 02.05 तक है,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मीन,
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.35 बजे।