Friday, January 3

अंतर्राष्ट्रीय संत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख शांडिल्य के निवास पर जोरदार स्वागत, शांडिल्य बोले : गीता के प्रचार के साथ ही विकलागों के मुफ्त इलाज का बीड़ा उठाये स्वामी ज्ञानानंद को नमन 

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 31       दिसंबर :

गीता को भारत सहित विश्व में बैठे लोगों तक पहुंचाने में वर्षाें से अहम भूमिका निभा रहे अंतर्राष्ट्रीय संत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य के सेक्टर 1 निवास पर सैंकड़ों लोगों ने जोरदार स्वागत किया। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का अपने आवास पर आगमन पर वीरेश शांडिल्य, उनकी धर्मपत्नी पंकज शर्मा, बेटे एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य, शिव रंजन शांडिल्य, रमा शर्मा, किरण शर्मा, वंश शांडिल्य, रेणू खुराना, नायब कौर, भारती जैन, ममता सेठ, सफाली शांडिल्य, श्रीमती रमा शर्मा, तान्या शर्मा, मेघा शर्मा, रीना शर्मा, नीलम शर्मा, मोहित शांडिल्य, सुधीर शर्मा, एडवोकेट मोहित सहगल, एडवोकेट जगदेव सैनी, एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव नवरत्न गर्ग, एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के पंजाब के प्रभारी मनीष पासी, राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र पाल केके, विश्व हिन्दु परिषद के अशोक कक्कड़, एकता क्लब के रवि सेठी, एडवोकेट अनमोल सैनी, राजन ढींगरा, सतविंदर अग्रवाल, नरेंद्र नरूला, भाजपा नेता साहिल कक्कड़, अवि धीमान, केजी गुप्ता, गौरव, एसए जैन कॉलेज के प्रिंसीपल मुकेश जैन, मनजीत सिंह, वीके छिब्बर, दीपक नटराज, सुरेश शर्मा, जनक राज अग्रवाल, आरसी नारंग, महेंद्र पाल धीमान, राजिंंदर सिंह बिट्टू जट्ट, जीवो गीता के चेयरमैन दिनेश ग्रोवर, राजू चावला, अमित सहित सैंकड़ों लोगों ने एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया एवं विश्व हिन्दु तख्त के पदाधिकारियों ने सेक्टर 1 जेल लैंड में स्थित वीरेश शांडिल्य के आवास पर पुष्प मालाओं और फूलों के गुलदस्ते देकर जोरदार स्वागत किया।

इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को वीरेश शांडिल्य के निमंत्रण पर कई सामाजिक, धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित विश्व हिन्दु तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के पदाधिकारियों ने दोशाला व प्रतिमाएं दी। वीरेश शांडिल्य व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पंकज व एडवोकेट वासु रंजन ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को भगवान कृष्ण की प्रतिमा व वीरेश शांडिल्य ने दोशाला व मोतियों की माला भेंट की। इस मौके पर वीरेश शांडिल्य ने स्वामी ज्ञानानंद को अंबाला का गौरव बताया क्योंकि वह पूरे देश दुनिया में गीता का प्रचार प्रसार कर सनातन धर्म को मजबूत कर रहे हैं। विश्व हिन्दु तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह उस कोख को नमन करते हैं जिस कोख ने स्वामी ज्ञानानंद को जन्म दिया जो देश व विश्व को दिशा व दशा दे रहे हैं और अपनी संस्कृति को मजबूत कर रहे हैं। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद भारत के नहीं विश्व के संत हैं उन्होंने गीता के प्रसार प्रचार के साथ साथ हजारों विकलांग बच्चों के सफल ऑपरेशन करवाए जो उनकी इंसानियत की पूजा का संदेश है। उन्होंने स्वामी ज्ञानानंद की मौजूदगी में कहा कि वह हमेशा देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ते रहेंगे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच पर काम करते रहेंगे और आतंकवाद के खात्में के लिए अपने प्राणों की आहूति देने को भी तैयार रहेंगे। इस मौके पर स्वामी ज्ञानानंद ने कहा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने एक कार्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता के महत्वपूर्ण संदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता हर व्यक्ति को उसके जीवन और कार्यक्षेत्र के अनुसार मार्गदर्शन देती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वे प्रत्येक व्यवसायिक व्यक्ति को उनके काम के अनुरूप गीता से जोड़ने का प्रयास करेंगे। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने यह भी कहा कि शांडिल्य परिवार उनका अपना परिवार है, और वे समय-समय पर इस परिवार को आशीर्वाद देने आते रहते हैं। 

स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि वीरेश शांडिल्य बहुत साहस से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं जो उनकी सोच राष्ट्रवाद को समर्पित है और जो सोच आजादी की लड़ाई लड़ने वाले भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, मदनलाल ढींगरा, खुदीराम बोस,असफाक उल्ला खान, उधम सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे शूरवीरों की थी उसी सोच पर वीरेश शांडिल्य एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के माध्यम से आतंकवाद केखिलाफ लड़ रहे हैं और उसके साथ साथ विश्व हिन्दु तख्त की तरफ से सनातन को मजबूत करने की भी मुहिम छेड़े हुए हैं। वीरेश शांडिल्य ने विश्व हिन्दु तख्त की तरफ से दिव्य गीता सत्संग के लिए स्वामी ज्ञानानंद को 11 हजार का चेक भेंट किया और कहा कि गीता प्रसार प्रचार में उनकी यह पहल गिलहरी जैसी है और हर सनातनी को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी संस्कृति को बचाने व जीओ गीता को घर घर पहुंचाने में स्वामी ज्ञानानंद के साथ जन आंदोलन तैयार करें ठीक सुभाष चंद्र बोस की तरह तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।  

उन्होंने गीता के एक विशेष संदेश पर बल दिया कि गीता हमें मोह छोड़कर प्रेम को अपनाने की शिक्षा देती है। मोह स्वार्थ पर आधारित होता है, जबकि प्रेम निस्वार्थ और अटूट होता है। जहाँ प्रेम होता है, वहाँ दरार या स्वार्थ की कोई गुंजाइश नहीं रहती। स्वामी जी ने गीता के माध्यम से कर्तव्यों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। उन्होंने महाभारत के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरु द्रोणाचार्य ने विपक्ष में होने के बावजूद अपने शिष्य अर्जुन को आशीर्वाद दिया और अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। युद्ध में युधिष्ठिर ने भी गुरु द्रोणाचार्य से आशीर्वाद लिया और बुराई के खिलाफ जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी अनुमति मांगी। गुरु द्रोणाचार्य ने भी गुरु के रूप में अपने धर्म का पालन करते हुए उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया। स्वामी जी का यह प्रेरणादायक संदेश हमें प्रेम, कर्तव्य और नि:स्वार्थता के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है, जो गीता के मूल सिद्धांतों का सार है। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में युवा इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़कर असभ्य बातें सीख रहे हैं, जो समाज और उनकी प्रगति के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अब घर-घर जाकर युवाओं को श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने और समझने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गीता के माध्यम से उन्हें जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना का महत्व सिखाया जाएगा। स्वामी जी ने गीता का सार बताते हुए कहा कि गीता सिखाती है कि हर व्यक्ति को अपने कार्य के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर्तव्य निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी कर्तव्य हमें सौंपा गया है, उसे यह सोचकर पूरा करना चाहिए कि इससे समाज का कल्याण कैसे हो सकता है। यदि हम स्वयं के हित की बजाय दूसरों के कल्याण के उद्देश्य से काम करेंगे, तो यह श्रीमद्भगवद्गीता की विचारधारा पर चलने का सच्चा उदाहरण होगा। इस मौके पर स्वामी ज्ञानानंद ने वीरेश शांडिल्य के निवास पर कई सामाजिक हस्तियों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए नवरत्न गर्ग, एडवोकेट मोहित सहगल, एडवोकेट जगदेव सैनी, सुधीर शर्मा, मनीष पासी, सुरेंद्र पाल केके को सम्मानित किया।