Saturday, December 28
  • पंजाब के लुधियाना में जपानी तकनीक मियावाकी के माध्यम से वन क्षेत्र में बदलने की कवायद शुरु, दिया एक करोड़ का योगदान
  • जेआरएस समूह का लक्ष्य पूर्व अग्निवीरों को रोजगार दिलवा सरकार की योजना को मजबूती देना है

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  27   दिसंबर:

लुधियाना स्थित जेआरएम ईस्टमैन समूह ने शुक्रवार को अपने पायलट पहल के अंतर्गत पंजाब में अपनी दो प्रोजेक्ट की घोषणा की हैैै जो कि पर्यायवरण सरंक्षण और अग्निवीर योजना को मजबूती प्रदान करेगी। चंडीगढ़ प्रैस कल्ब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुये समूह के चेयरमैन जगदीश राय सिंघल ने बताया कि इन प्रोजेक्ट में लुधियाना की शहरी बंजर भूमि को पुनर्जीवित करने ओर उन्हें हरे भरे वन क्षेत्रों में बदलने की अपनी महत्वाकांक्षी परियोजन के तहत अधिक क्षेत्रों को शामिल करने का प्रयास किया है। वहीं दूसरी ओर पंजाब में उनके समूह का लक्ष्य पूर्व अग्निवीरों में अपने इम्पलोय बेस में जोड़कर दस हजार तक विस्तार करने का बीड़ा उठाया है।  

सिंघल ने अपने विजन साझा करते हुये बताया कि उन्होंनें गत वर्ष 18 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात प्रोग्राम में दिये गये एक प्रेरक संबोधन को सुनने के बाद लुधियाना नगर निगम से संपर्क कर शहर के लगभग 5500 गज के कचरे के ढेर को ‘मियावाकी’ (एक जपानी पर्यायवरण तकनीक) के माध्यम से वन क्षेत्र में बदलने की कवायद शुरु कर दी हैै। सिंघल ने दो चरणों में पूरी होनी वाली परियोजना में कुल एक करोड़ रुपयों का योगदान दिया है। इसके अलावा 5500 गज के भूखंड के पूरा होने के बाद शहर की ही दो एकड़ अतिरिक्त भूमि को भी कचरे के ढेर से वन भूमि में बदल दिया जायेगा। शहर के छोड़े हुये दुर्गत अन्य पार्को को भी मियावाकी बन में बदलने के लिये निगम का सहयोग लिया जा रहा है। 

उन्होंने पीएम के संबोधन में मियावाकी वन परियोजना का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया और पाया कि लुधियाना में पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। समूह के आरम्भिक दौर में बेहतरीन प्रणाम मिले और इस परियोजना के तहत नगर निगम के सहयोग से और अधिक क्षेत्रों को लाना चाहते हैं।

सिंघल ने अपनी दूसरी घोषणा में बताया कि समूह सरकार के अग्निवीर अभियान को मजबूती देंगें। समूह में वर्तमान में 5145 कर्मचारी हैं जो कि मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बिजनेस में शामिल हैं। समूह ने अपने विभिन्न आपरेशंस में अग्निवीरों के लिये नौकरियां आरक्षित करने का भी निर्णय लिया है जो अपनी सेवाएं दे चुके हैं और सशस्त्र बलों में शामिल होने से असमर्थ होते हैं। समूह ने पूर्व अग्निवीरों को रोजगार के अवसर प्रदान करवा कर वर्ष 2029 तक अपने इम्पलोय बेस को दस हजार बनाने का लक्ष्य रखा है। पीएम के रिटायर्ड अग्निवीरों को नौकरी देने के भावुक अनुरोध पर संज्ञान लेते हुये समूह ने फैसला किया कि आगामी सभी भावी भर्तियों में से पांच फीसदी पूर्व अग्निवीर होंगें। अग्निवीर योजना के तहत 14 जून 2022 को लांचिंग में दो बैचों में लगभग 45 हजार की पहली भर्ती की गई थी। कुल भर्तियों में से 25 फीसदी को सशस्त्र बलों में शामिल किया जायेगा जबकि शेष को उनके समूह में स्वागत किया जायेगा।

सिंगल का मानना है कि अग्निवीरों का अनुशासन और समय पाबंद कारपोरेट और उद्योग जगत को उत्कृष्टता प्रदान करेगा। उन्होंने अन्य उद्योगपतियों और अन्य नागरिकों से भी आह्वान किया कि वे दिशा में सरकार ओर अग्निवीरों का सहयोग दें।