ब्रह्म दत्त शर्मा के उपन्यास “आधी दुनिया पूरा आसमान” को प्रयागराज में मिला सम्मान
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 10 दिसंबर :
यमुनानगर के लेखक ब्रह्म दत्त शर्मा के उपन्यास आधी दुनिया पूरा आसमान को त्रिवेणी ग्रामोद्योग उत्थान समिति तथा लोक रंजन प्रकाशन द्वारा संयुक्त रूप से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में “श्री राम नारायण सिंह स्मृति सम्मान” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय प्रयागराज के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार त्रिपाठी, प्रसिद्ध ध्रुपद गायक और केंद्रीय नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित श्री विनोद कुमार द्विवेदी, रंगमंच निर्देशक और प्रसिद्ध अभिनेता डॉ. अशोक शुक्ला, समाज सेविका राजलक्ष्मी शुक्ला और लोक रंजन के प्रबंधक श्री रंजन पांडे के हाथों प्राप्त हुआ। इस सम्मान के तहत उन्हें इक्यावन सौ रुपए नकद, शॉल, प्रशस्ति पत्र, मेडल, स्मृति चिह्न और श्रीफल प्रदान किए गए। कार्यक्रम में देश भर से आए साहित्यकर और प्रयागराज के बुद्धिजीवी, लेखक व प्रोफेसर मौजूद थे। कार्यक्रम में निर्णायक डॉ. रवि मिश्र ने उपस्थित श्रोताओं को आधी दुनिया पूरा आसमान को सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में चुने जाने की वजहों को विस्तार से बतलाया। उन्होंने उपन्यास को सम्मान के लिए सर्वथा उपयुक्त बतलाते हुए इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सम्मान के लिए देश भर से विभिन्न विधाओं की पुस्तकें आमंत्रित की गई थीं। उपन्यास वर्ग में श्री ब्रह्म दत्त शर्मा के उपन्यास को सर्वश्रेष्ठ चुना गया। इसी साल जनवरी में प्रकाशित यह उपन्यास एक ऐसी लड़की/महिला के संघर्षों की दास्तान है, जिसका कॉलेज के दिनों में आई. ए. एस. अफसर बनने का सपना है, किंतु माँ-बाप उसकी जल्दी शादी कर देते हैं। वह दो बेटियाँ की माँ बनती है, लेकिन ससुराल को संपत्ति का वारिस और वंश बेल आगे बढ़ाने हेतु हर हाल में बेटा चाहिए। यहीं से उसकी मुसीबतों की शुरुआत होती है। वह कैसे सभी कठिनाइयों और चुनौतियों से लड़ते हुए मुंबई पहुंचकर अपना सपना पूरा करने का प्रयास करती है, उपन्यास इसी बारे में है। 268 पेज के इस उपन्यास में मुख्य कथा के साथ-साथ अनेक उपकथाएं भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि श्री ब्रह्म दत्त शर्मा यमुनानगर के प्रसिद्ध कहानीकार और उपन्यासकार हैं। उनकी पांच किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें तीन कहानी संग्रह और दो उपन्यास हैं। उनके कहानी संग्रह ‘चालीस पार’ 2010, ‘मिस्टर देवदास’ 2014, ‘ पीठासीन अधिकारी’ 2020 में प्रकाशित हुए, जबकि पहला उपन्यास ‘ठहरे हुए पलों में’ 2016 में तथा दूसरा उपन्यास ‘आधी दुनिया पूरा आसमान’ 2024 में प्रकाशित हुआ।
इससे पहले भी उन्हें लेखन के लिए अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं। विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस का सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानी पुरस्कार 2019, ‘पीठासीन अधिकारी’ कहानी- संग्रह को हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कृति पुरस्कार 2021, अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार 2022(जयपुर, राजस्थान), माँ धनपति देवी स्मृति कथा साहित्य सम्मान 2017 (सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश), हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार 2015, श्री बृजभूषण भारद्वाज एडवोकेट समृति साहित्य सम्मान 2015 (कैथल, हरियाणा), डॉ. महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2018 ( शिलांग, मेघालय), हिंदी रत्न सम्मान 2022 (घरौंडा, हरियाणा) अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान 2024 (थिंपू, भूटान) आदि प्रमुख हैं। श्री शर्मा का पैतृक गांव झीवरहेड़ी है। वर्तमान में वे सेक्टर18 हुडा के निवासी हैं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाबनी कलां में एस एस एस मास्टर के पद पर कार्यरत हैं।