सेंट लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञानं संबंधित कार्यशाला का आयोजन हुआ
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 28 नवंबर :
सेंट लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल, पाबनी रोड, जगाधरी में चेयरपर्सन डॉ. रजनी सहगल के दिशा निर्देशन में विद्यार्थियों के लिए एकदिवसीय विज्ञानं संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्यातिथि विज्ञानं संचारक दर्शन लाल बवेजा रहे। उनका सभी शिक्षकों और अधिकारियों ने स्वागत किया। स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा विशिष्ट अतिथि को शाल, नारियल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात उनके द्वारा विद्यार्थियों को विज्ञान के नियम और सिद्धांत को अलग-अलग तरह की गतिविधियों और प्रयोगों से समझाया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया की जो भी विज्ञानं गतिविधियाँ उनके द्वारा करवाई जाएगी उनके लिए कोई भी सामान बाज़ार से जाकर खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। उनका मुख्य उदेशय रहता है की प्रोजेक्ट्स को ज़ीरो लागत या फिर कम से कम लागत में करवाया जाये। उनके द्वारा कराई जाने वाली यह सभी गतिविधियां पाठ्यक्रम आधारित है व् किताबो में से ही है।
दर्शन लाल बवेजा ने विद्यार्थियों को अपने प्रयोगो के माध्यम से बताया कि दुनिया में कुछ भी चमत्कार नहीं होता है और अगर कुछ चमत्कार जैसा हुआ है, तो वह सिर्फ़ तब तक चमत्कार है, जब तक कि उसके पीछे का रहस्य या वजह सामने नहीं आ जाती। हमारी दुनिया में जो कुछ भी होता है, उस सबके पीछे कोई न कोई लॉजिक है और इस लॉजिक को समझना ही विज्ञान है। उन्होंने शिक्षकों को आग्रह किया कि इस विषय को सिर्फ़ किताबों से नहीं पढ़ाये बल्कि उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बना दे। उनके लिए ढ़ेरों गतिविधियाँ तैयार की जाये ताकि बच्चों को हर एक कॉन्सेप्ट न सिर्फ़ अच्छे से समझ में आये बल्कि उन्हें लॉजिक और अंधविश्वास के बीच का अंतर भी पता चले। सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एव मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एम. के. सहगल ने अपने सन्देश में कहा कि दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक होने के साथ-साथ विज्ञान संचारक के रूप में भी समाज को अपनी सेवाएं दे रहे हैं।अब तक उन्होंने 500 से भी ज़्यादा ऐसी गतिविधियाँ तैयार की हैं, जिनकी मदद से वे बच्चों के लिए विज्ञान को मनोरंजन का विषय बना देते हैं। चेयरपर्सन डा रजनी सहगल ने विद्यार्थियों को विज्ञान शिक्षा में रूचि दिखाने के लिए प्रेरित करते हुए बताया कि विज्ञान शिक्षित व्यक्ति के लिए रोजगार के अवसर अधिक हैं और विज्ञान शिक्षा से बच्चे में तार्किक क्षमता और दूरदर्शिता का विकास होता है। विज्ञान संचार ही देश में वो माहौल बनाने का काम कर सकता है जिससे नई खोज और नए आविष्कार करके मेक इन इंडिया, स्किल इण्डिया और इनोवेटिव इंडिया के सपने को साकार किया जा सकता है।कार्यशाला के दौरान स्प्रे पंम्प, मॉडल ऑफ़ लंग्स, मैगनेट एक्टिविटी, विंड मिल, डांसिंग बॉल, साइंस ऑफ़ शैडो, जंपिंग टॉय, सेंटर ऑफ़ मास व् मैग्नेटिक लेविटेशन आदि गतिविधियां करवाई गयी । इस अवसर पर अधिकारी, सभी शिक्षक और शिक्षणेत्तर सदस्य उपस्थित रहे।