Friday, December 20

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 20  नवंबर 2024

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः मार्गशीर्ष़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः पंचमी सांयः काल 04.50 तक है, 

वारः बुधवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुनर्वसु दोपहर काल 02.51 तक है, 

योग शोभन दोपहर काल 01.08 तक है,

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः मिथुन,

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.52, सूर्यास्तः 05.21 बजे।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।