गुरुकुल शिक्षा भारतीय संस्कृति की संवाहक : सुनीता आर्या

  • गुरुकुल घिराय की प्राचार्या सुनीता आर्य को सोनीपत में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मिला सम्मान
  • 44 गुरुकुलों के हजारों विद्यार्थियों ने लिया प्रतियोगिता में भाग

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 20       नवंबर :

 महर्षि दयानंद सरस्वती के अमरग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ को लेकर सत्यार्थ प्रकाश परीक्षा प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें प्रदेश भर की 44 गुरुकुल की 3000 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

इस प्रतियोगिता का आयोजन आचार्य ज्ञानेश्वराचार्य की स्मृति में आर्योदय गुरुकुल सैक्टर 14-15 सोनीपत द्वारा किया गया। इस अवसर पर अमरग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के प्रचार प्रसार में अपना अहम योगदान देने वाले प्रदेश के विभिन्न गुरुकुलों के प्राचार्यों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कन्या गुरुकुल घिराय की प्राचार्या सुनीता आर्या को मुख्य अतिथि राजीव गुलाटी डायरेक्टर, एमडीएच मसाले ने सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। सुनीता आर्या ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा भारतीय संस्कृति की संवाहक है जो हमारी आने वाली पीढिय़ों में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों, मूल्यों व नैतिक गुणों का संवद्र्धन करती है। भौतिकवाद की ओर तेजी से बढ़ रहे हमारे समाज में गुरुकुल मानवीय मूल्यों व संस्कारों को स्थापित कर रही हैं। इसलिए आज के दौर में गुरुकुल शिक्षा समय की जरूरत व आवश्यक है।

इस अवसर पर आचार्य विजयपाल व आचार्या जया का आशीर्वचन रहा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में महात्मा जितेंद्र भाटिया उपस्थित रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता देशबंधु आर्य द्वारा की गई। कार्यक्रम का सफल आयोजन आचार्य धर्मबीर मुमुक्षु, आचार्य संदीप आर्य, आचार्य नंद किशोर, आचार्य चंद्रेश, आचार्य सत्यवान द्वारा किया गया।