- द हिड्न टैलेंट वेलफेयर एंड ट्रस्ट ने आयोजित की सदाबहार फिल्मी गानों की महफ़िल-सितारों का संग सुरों के संग
- गायकों ने एक से बढ़कर एक फिल्मी गानों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं का बांधा समां
- ’चलो इक बार फिर से..; तूने ओ रंगीले कैसा जादू; जैसे सुपरहिट गानों से गूंजमय हुआ हॉल
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 18 नवंबर:
द हिड्न टैलेंट वेलफेयर एंड ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त के नेतृत्व में सदाबहार फिल्मी गानों की महफ़िल-‘सितारों का संग सुरों के संग’ नामक कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर 35 स्थित बंगा भवन में आयोजित किया गया। जिसमें ट्राईसिटी सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से आए अव्यवसायिक गायकों ने लिया हिस्सा लिया और एक से बढ़कर एक फिल्मी गानों को श्रोताओं को समक्ष प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
इस संगीतमय कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि समाज सेवी व रोटरी क्लब मिड टाउन, पटियाला के पूर्व प्रेसिडेंट भगवान दास गुप्ता द्वारा किया गया। इस दौरान उनके साथ कार्यक्रम की आयोजक वीना सोफ्त, गेस्ट ऑफ ऑनर में संजीत सोढ़ी, ग़ज़ल गायक शिवानंद, प्रदीप कुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। जिसके उपरांत गायकों द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। गायकों ने किशोर कुमार, लत्ता मंगेशकर, आशा भोसले, मोहम्मद रफी, व ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह, पंकज उदास जैसे प्रतिष्ठत गायकों द्वारा गाई गई कुछ गानों को अपनी आवाज में प्रस्तुत करने का एक बेहतर प्रयास किया। कार्यक्रम में कुल 28 सदाबहार गाने शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ट्रस्ट की फाउंडर व आयोजक वीना सोफ्त ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो तथा प्रदीप कुमार वर्मा ने दिल जो न कह सका गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए गायकों ने दर्शकों के समक्ष तूने ओ रंगीले; आओ हज़ूर तुमको सितारों में प्रस्तुत की, जिसे सभी ने सराहा और झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं अन्य गायकों द्वारा रिमझिम घिरे सावन; मुझको अपने गले लगा लो; जाने क्यों लोग; यूं हसरतों; किसका रास्ता देखे; चांदी जैसे तन है तेरा; मेरे हमसफर; हरि ओम हरि; ये जो मोहब्बत है; झुकी झुकी से नज़र; तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, जैसे गाने प्रस्तुत कर में दर्शकों का समां बांधा।
इस अवसर पर ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त ने कार्यक्रम में आए सभी श्रोतागणों का आभार जताया और कहा कि कार्यक्रम का उदेश्य अव्यवसायिक गायकों को लाइव मंच प्रदान करना था, ताकि वे अपने अंदर के टैलेंट को उभार सके।