पंचांग, 15 नवंबर 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 15 नवंबर 2024
नोटः आज श्री कार्तिक पूर्णिमा तथा श्री गुरूनानक देव जयंती है तथा भीष्म पंचम समाप्त तथा मेला रामतीर्थ (अमृतसर) मेला पुष्कर तीर्थ राजस्थान तथा आकाश दीपदान समाप्त है। तथा कीर्तिक व्रतोद्ययापन तथा श्री सत्यनारायण व्रत तथा त्रिपुर उत्सव और पद्मक योग है। तथा कार्तिक स्नान समाप्त है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः कार्तिक़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः पूर्णिमा रात्रिः काल 02.59 तक है,
वारः शुक्रवार।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी रात्रि काल 09.55 तक है,
योग व्यतिपात प्रातः काल 07.30 तक है,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.48, सूर्यास्तः 05.23 बजे।
नोटः आज श्री कार्तिक पूर्णिमा तथा श्री गुरूनानक देव जयंती है तथा भीष्म पंचम समाप्त तथा मेला रामतीर्थ (अमृतसर) मेला पुष्कर तीर्थ राजस्थान तथा आकाश दीपदान समाप्त है। तथा कीर्तिक व्रतोद्ययापन तथा श्री सत्यनारायण व्रत तथा त्रिपुर उत्सव और पद्मक योग है। तथा कार्तिक स्नान समाप्त है।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।