पंचांग, 13 नवंबर 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 नवंबर 2024
नोटः आज रात्रि 03.11 से पंचक समाप्त हो रहे हैं। तथा प्रदोष व्रत तथा हरि प्रबोध उत्सव।
माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत है और उस दिन बुधवार है, इस वजह से वह बुध प्रदोष व्रत है। इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन 6 शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है. इसमे भगवान शिव की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और उनकी कृपा प्राप्त होगी. बुध प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय ही की जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः कार्तिक़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी दोपहर काल 01.02 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तरा दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः रेवती रात्रि काल 03.11 तक है,
योग वज्र अपराहन् काल 03.25 तक है,
करणः बालव,
सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः मीन,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.46, सूर्यास्तः 05.24 बजे।
नोटः आज रात्रि 03.11 से पंचक समाप्त हो रहे हैं। तथा प्रदोष व्रत तथा हरि प्रबोध उत्सव।
नोटः आज उत्तरा दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।