Sunday, June 1

 हरियाणा में भारत के विकास को गति देने की जबरदस्त क्षमता है-प्रो. नरसीराम बिश्नोई

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 12       नवंबर :

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि), हिसार में हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएचबी) के सौजन्य से एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन किया। ग्रेटर हिसार चौंबर ऑफ कॉमर्स (जीएचसीसी) के सहयोग से आयोजित किए गए इस एक दिवसीय कॉन्क्लेव का विषय “विकसित भारत / 2047 के लिए हरियाणा का कॉर्पोरेट आउटलुक” था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम उद्घाटन समारोह के मुख्यातिथि रहे। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर थे। मुख्य वक्ता कि रूप में जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इकाई प्रमुख विजय कुमार बिंदलिश उपस्थित रहे। अध्यक्षता एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद बिश्नोई ने की। एसएसबी के अधिष्ठाता प्रो. करमपाल नरवाल तथा ग्रेटर हिसार चौंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक सदस्य मनीष गोयल भी मंच पर उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के सीआरएस सभागार में हुए इस कन्क्लेव में उद्योग प्रतिनिधियों, व्यापार बिरादरी के सदस्यों, संकाय सदस्यों और कई संस्थानों के लगभग1500 प्रतिभागी शामिल हुए।

उद्घाटन समारोह के मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा में कृषि, विनिर्माण और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत के विकास को गति देने की जबरदस्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव जैसी पहल शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससेे विद्यार्थियों को उद्योग की अंतर्दृष्टि से सीधा संपर्क प्राप्त करने और भविष्य की नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। प्रो. बिश्नोई ने यह भी उल्लेख किया कि उद्यमिता की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है। सही मार्गदर्शन, समर्थन और बुनियादी ढांचे के साथ, विश्वविद्यालयों में युवा दिमागों को अभिनव विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है। जिससे न केवल उनके लिए रोजगार पैदा होगा बल्कि बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में भी योगदान होगा। हमें उद्यमिता के लिए ऐसे रास्ते बनाने जारी रखने चाहिए जो जोखिम लेने, रचनात्मकता और मापनीयता को प्रोत्साहित करें।

मुख्य वक्ता जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इकाई प्रमुख विजय कुमार बिंदलिश ने उद्योग में नवाचार, उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों में तकनीकी प्रगति और नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी है। हरियाणा के कॉर्पोरेट क्षेत्र के बढ़ने के साथ, हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में कौशल विकसित करने की सलाह दी और उनसे नवाचार, नेतृत्व और टीम वर्क को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को यह समझना चाहिए कि शिक्षा केवल नौकरी हासिल करने के लिए नहीं है, बल्कि समाज और उद्योग में सकारात्मक योगदान देने के लिए भी है।
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने शैक्षिक और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ऐसी पहल छात्रों को उद्योग जगत के नेताओं से सीधे जुड़ने, उनकी समझ को समृद्ध करने और उनके करियर के दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान करती है। प्रो. छोकर ने उम्मीद जताई कि छात्र सम्मेलन के दौरान सांझा किए गए ज्ञान का उपयोग हरियाणा के आर्थिक विकास में सार्थक योगदान देने के लिए करेंगे।
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की पहल की आवश्यकता पर विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवा भारत का भविष्य हैं और उन्हें सही अवसर और उद्योग का अनुभव प्रदान करना राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है। प्रो. विनोद ने कहा, यह सम्मेलन एक पुल का काम करता है जो हमारे छात्रों को उद्योग जगत के नेताओं से जोड़ता है। यह उनके लिए पेशेवरों के साथ बातचीत करने, नवीनतम रुझानों को समझने और प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में उनसे क्या अपेक्षा की जाती है, यह जानने का एक अमूल्य अवसर है।
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन प्रोफेसर करम पाल नरवाल ने कहा कि एक सफल बिजनेस कॉन्क्लेव उद्योगों, निवेशकों, उद्यमियों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों को एक साथ ला सकता है। यह कॅन्क्लेव आर्थिक नेटवर्किंग और ज्ञान सांझा करने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के साथ-साथ विकास का ढ़ाचा विकसित करने में भी प्रभावी होगा। इससे उद्योगों में नवाचार और विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की गौरवपूर्ण उपलब्धियों को जिक्र भी किया।
ग्रेटर हिसार चौंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक सदस्य मनीष गोयल ने बताया कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ साझेदारी में यह कार्यक्रम हमारी साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 2027 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक राज्य को आगे आना चाहिए। हरियाणा के मुख्य क्षेत्रों- कृषि, विनिर्माण और सेवाओं के माध्यम् से इस विकसित भारत के विजन को आगे बढ़ाया जा सकता है। हम सबको एक उज्ज्वल कल के लिए भूमिका निभानी है।
एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव 2024 के उद्घाटन सत्र के समापन पर, आयोजन सचिव डॉ. मणि श्रेष्ठ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से प्रबंधन छात्रों की मजबूत टीम के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।