कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा डीएपी नहीं आत्महत्या का कारण

किसान आत्महत्या का मामला प्रदेश स्तर पर छाया किसान सभा ने करीब 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग

 कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा डीएपी नहीं आत्महत्या का कारण

मुनिश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 12       नवंबर :

किसान द्वारा 6 नवंबर को उकलाना की नई अनाज मंडी में कीटनाशक दवाई पीने से मृत्यु हुई जिसकी उकलाना थाना में डीडीआर के अनुसार  खाद लेने के लिए राम भगत उकलाना मंडी आया था। और उकलाना की नई अनाज मंडी में कीटनाशक दवाई पीकर सुसाइड कर लिया। डीडीआर मे उसके मामा सतबीर द्वारा दर्ज करवाई गई वहीं सतबीर सिंह ने बताया कि वह कई दिनों से खाद के लिए उकलाना मंडी में चक्कर काट रहा था और उसको मानसिक परेशानी हुई जिस कारण उसने कीटनाशक दवाई पी  ली।

 यह मामला आज पूरे प्रदेश में छाया हुआ है की प्रदेश में डीएपी नहीं मिल रही जिस कारण किसान ने आत्महत्या की। जबकि अखिल भारतीय किसान सभा ने इस मामले को उठाते हुए मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग भी की है जबकि इस मामले को लेकर हिसार जिला के उपमंडल  कृषि विभाग के उप मंडल अधिकारी डॉ अजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डीएपी के लिए उसने कभी आकर कृषि विभाग के अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं किया और जब उनकी आत्महत्या का मामला प्रकाश में आया तो आत्महत्या डीएपी कारण न होकर के मानसिक तनाव बताया गया है वही उन्होंने बताया कि खाद की नियमित रूप से सप्लाई आ रही है और सरकारी व प्राइवेट संस्थानों पर खाद बट रही है प्राइवेट संस्थानों पर खाद बंटवाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी जाती है ताकि कोई किसान परेशान ना हो वहीं उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष डिमांड जाती ईहै उसी अनुरूप ही खाद की एलोकेशन आती है।