वाल्मीकी तीर्थ पर विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने शीश नवाया
- जहां महर्षि वाल्मीकी ने लिखी रामायण उस भगवान वाल्मीकी तीर्थ पर विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने शीश नवाया
- एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने अमृतसर में भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल पर शांडिल्य ने जहां लव कुश ने शस्त्रों व शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण की उस स्थल को भी नमन किया
- वीरेश शांडिल्य को भगवान वाल्मीकी तीर्थ कमेटी ने सिरोपा व स्मृति चिन्ह दिया, शांडिल्य बोले वाल्मीकि समाज सनातन व देश की सुरक्षा की ढाल
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 06 नवंबर :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने आज अमृतसर में पवित्र प्रसिद्ध भगवान वाल्मीक तीर्थ में जाकर भगवान महर्षि वाल्मीकी की प्रतिमा के आगे शीश नवाया और सरबत के भले की मांग की और आतंकवाद के खिलाफ उनकी मुहिम को बल मिले इसको लेकर प्रार्थना की। इस मौके पर भगवान वाल्मीकी तीर्थ मैनेजमेंट के संजीव ने वीरेश शांडिल्य को सिरोपा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मंदिर कमेटी ने शांडिल्य के साथ आए सुरेंद्र पाल केके व गोल्डी पाहवा व अन्य को भी सिरोपा भेंट किया। वीरेश शांडिल्य ने भगवान वाल्मीकी तीर्थ पर उस कुंड के दर्शन किए जहां माता सीता लव कुश को स्नान करवाया करती थी जहां भगवान वाल्मीकी ने भगवान राम जी के जन्म से हजारों वर्ष पहले जहां विश्व का सबसे बड़ा ग्रंथ अमृतसर में 24 हजार छंदों वाला रामायण लिखा उस स्थान पर भी वीरेश शांडिल्य ने शीश नवाया और वाल्मीकी समाज को सनातन व देश के रक्षक बताया जिस समाज ने हमेशा सनातन को मजबूत करने को लेकर मुहिम छेड़ी।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यह सृष्टि आदि कवि भगवान महर्षि वाल्मीकी जैसे महान तपस्वियों की वजह से चल रही है। उन्होंने कहा कि अमृतसर की धरती पर भगवान महर्षि वाल्मीकी तीर्थ स्थल पर जाकर गौरव महसूस किया कि हजारों वर्ष पहले इसी अमृतसर की धरती पर रामायण लिखी गई जो आज पूरे संसार को संस्कारों को से बांधती है, धर्म से जोड़ती है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि आज उन्होंने भगवान वाल्मीकी तीर्थ पर आकर संकल्प लिया कि वह और गति से आतंकवाद, खालिस्तान के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि वह ब्राहामण हैं और उनका शांडिल्य गोत्र है जो अग्नि का भी गोत्र है लेकिन वह अपने आप को सबसे बड़ा वाल्मीकी मानते हैं क्योंकि भगवान वाल्मीकी की लिखी रामायण को सबसे ज्यादा पूजता है तो वह ब्राहामण हैं और कर्मकांडी ब्राहामण का पालन पोषण भी महर्षि वाल्मीकी द्वारा लिखा ग्रंथ रामायण है।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने आहवान किया कि विश्व में जहां भी सनातनी रहते हैं उन्हें एक बार जरूर अमृतसर में हरि मंदिर साहिब की धरती पर जाकर भगवान वाल्मीकी रामतीर्थ स्थल पर जाकर शीश नवाना चाहिए वहां सरोवर की प्रक्रिमा करनी चाहिए। यही नहीं जहां महर्षि वाल्मीकी ने रामायण लिखी और लव कुश को शिक्षा के साथ साथ माता सीता को अपनी कुटिया में संरक्षण दिया उस स्थल पर जाकर दर्शन करना उतना ही पवित्र होगा जितना पवित्र अयोध्या में भगवान राम के दर्शन। वीरेश शांडिल्य ने कमेटी द्वारा दिए सम्मान पर आभार व्यक्त किया और कहा कि आज भगवान वाल्मीकी तीर्थ पर आकर वह ऐसा महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने सभी धामों की यात्रा कर ली। शांडिल्य ने कहा कि वह आने वाले दिनों में आतंकवाद व खालिस्तान के खिलाफ एक यात्रा भगवान वाल्मीकी तीर्थ स्थल से शुरू कर खालिस्तान के खातमें के लिए जन आंदोलन तैयार करेंगे।