Sunday, December 22

उभरते उद्यमियों के लिए एसडी कॉलेज में सनातन धर्म टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर की हुई स्थापना
उद्यमी अब कॉलेज में कर पाएंगे बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित, डीएचई ने किया टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर का उद्घाटन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  16 अक्टूबर:

सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज प्रबंधन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए सनातन धर्म टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (एसडीटीबीआई) के नाम से एक टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) की स्थापना की। कॉलेज में आयोजित एक साधारण समारोह में इसका चंडीगढ़ के उच्च शिक्षा निदेशक (डीएचई) रुबिंदरजीत सिंह बराड़ ने इसका उद्घाटन किया। बराड़ ने एसडी कॉलेज प्रबंधन के फैसले की सराहना की और टीम को अपनी शुभकामनाएं दीं और टीबीआई की स्थापना में अपने पूरे दिल से समर्थन का आश्वासन दिया।

इस अवसर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि इस टीबीआई को स्वतंत्र निकाय के रूप में चलाने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा एक अलग सेक्शन आठ कंपनी की स्थापना की जाएगी। इनक्यूबेटर की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक फुल टाइम सीईओ की नियुक्ति की गई है। उन्होंने आगे बताया कि चूंकि चंडीगढ़ की स्टार्टअप पॉलिसी अब स्वीकृत हो चुकी है, इसलिए कैंपस और क्षेत्र के उभरते उद्यमियों को बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित करने में सहायता करने के लिए यह सही कदम है। उन्होंने बताया कि यह चंडीगढ़ में पहला टीबीआई होगा जो स्टार्टअप कंपनियों को उनकी उद्यमिता यात्रा में सहायता करेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) पहल में 3.5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के बाद  कॉलेज परिसर में स्टार्टअप बाजार 3.0 का आयोजन किया गया और अब स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए टीबीआई की स्थापना की गई है।

इस अवसर पर नव नियुक्त सीईओ डॉ. जेके शर्मा ने बताया कि एसडीटीबीआई इनक्यूबेट्स के प्रारंभिक चरण के विचारों की सभी जरूरतों का ध्यान रखेगा और विचारों के मूल्यांकन से लेकर प्रारंभिक चरण के विकास और उत्पाद विकास चरण तक उनकी सहायता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने आगे बताया कि टीबीआई कॉलेज के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के माध्यम से उद्यमिता के लिए नए विचारों/अवधारणाओं के इनक्यूबेशन के लिए नवंबर के पहले सप्ताह से आवेदन आमंत्रित करना शुरू कर देगी। इनक्यूबेशन के लिए एक विशेषज्ञ समिति द्वारा आवेदनों का तकनीकी और वित्तीय दोनों रूप से मूल्यांकन किया जाएगा। चयनित व्यक्तियों या टीमों को को-वर्किंग स्पेस, रियायती किराए पर आफिस स्पेस, सभी कॉर्पोरेट और कानूनी अनुपालन सहायता, मुफ्त बिजली और हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सभी कम्प्यूटेशनल सपोर्ट, एसडी कॉलेज के हाई परफार्मेंस सर्वर तक पहुंच, प्रोटोटाइप डेवलपिंग के लिए सभी प्रयोगशालाओं और कार्यशाला तक पहुंच, एंट्रप्रेन्योरशिप लाइब्रेरी तक पहुंच, कॉलेज के एंट्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सैल की सदस्यता, वीसी और एंजेल निवेशकों के हमारे नेटवर्क के साथ बातचीत, पेटेंट कराने और बाहरी विशेषज्ञों की सलाह लेने के लिए वित्तीय सहायता, बाहरी टीम के सदस्यों के लिए रियायती हॉस्टल सुविधा, इंडस्ट्री कनेक्ट, मेंटरशिप, कंपनी इनकॉर्पोरेशन एक्सपेंस के लिए 20,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। साथ ही प्रतिस्पर्धी ढांचे/प्रक्रिया के माध्यम से 3 से 5 चरणों में प्रति कंपनी एक लाख रुपये तक का सीड फंड भी दिया जाएगा, जो इनक्यूबेटर के साथ चयन से एक वर्ष में पूरी हो जाएगा। एसडीटीबीआई इनक्यूबेटेड कंपनियों से इक्विटी लेगा और यह आपसी चर्चा और समझ के साथ कंपनी दर कंपनी अलग-अलग होगा।