डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन कमेटी प्रधान पद चुनाव में धर्मवीर राणा की जीत पर विवाद
70 जाली वोटों का आरोप, चुनाव स्थगित
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 07 अक्टूबर:
डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन कमेटी के प्रधान पद के चुनाव में मौजूदा प्रधान धर्मवीर राणा और उनके प्रतिद्वंदी सुरेंद्र कांगड़ा के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला। लेकिन चुनाव परिणाम के साथ ही माहौल में तनाव बढ़ गया, जब धर्मवीर राणा ने चुनाव कमेटी पर 70 जाली वोटों का आरोप लगाते हुए धांधली की शिकायत की। राणा ने चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि कर्मचारियों ने उन्हें भारी समर्थन दिया है।
समर्थकों का जश्न : फूल-मालाओं से स्वागत और आतिशबाजी के साथ जीत का दावा
चुनाव के बाद जैसे ही धर्मवीर राणा बाहर आए, समर्थकों ने उन्हें फूल-मालाओं और पगड़ी पहनाकर जोरदार स्वागत किया और सेक्टर 25 में आतिशबाजी कर जीत का दावा किया। समर्थकों का कहना है कि धर्मवीर राणा ने कर्मचारियों के हित में बेहतरीन कार्य किए हैं, और उनकी जीत निश्चित थी। उन्होंने चुनाव स्थगित होने पर नाराजगी जताई और इसे राणा की जीत को रोकने की साजिश बताया।
चुनाव कमेटी ने मानी गलती, 70 जाली वोटों पर चुनाव स्थगित करने का ऐलान
चुनाव कमेटी के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी ने कर्मचारियों के सामने घोषणा की कि 70 वोट जाली पाए गए हैं और इस गलती को स्वीकार करते हुए चुनाव को स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नई चुनाव तिथियां घोषित होंगी और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।
सुरेंद्र कांगड़ा का समर्थन, चुनाव कमेटी के फैसले का स्वागत
दूसरी ओर, प्रधान पद के उम्मीदवार सुरेंद्र कांगड़ा ने चुनाव स्थगित करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि चुनाव कमेटी का निर्णय सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि अगर गड़बड़ी हुई है तो फिर से चुनाव होना चाहिए।
कर्मचारियों में असंतोष, धर्मवीर राणा की जीत का दावा
कर्मचारियों का कहना है कि धर्मवीर राणा ने उनके हित में काम किया है और भारी बहुमत से जीत उनके हिस्से में आनी चाहिए थी। कई कर्मचारी चुनाव स्थगित होने पर नाराज हैं और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
मंदिर से सामुदायिक केंद्र में मतदान स्थान बदलने पर भी उठाए सवाल
धर्मवीर राणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले चुनाव सेक्टर 24 के वाल्मीकि मंदिर में होते थे, जहां परिणाम पारदर्शिता के साथ घोषित किए जाते थे। इस बार चुनाव स्थल को सेक्टर 25 सामुदायिक केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया, और समर्थकों को भी वहां नहीं जाने दिया गया। उन्होंने आशंका जताई कि यह बदलाव धांधली के लिए किया गया हो सकता है।
अब जहां एक ओर धर्मवीर राणा और उनके समर्थक चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंदी चुनाव स्थगित होने को सही करार दे रहे हैं उधर चुनाव कमेटी निष्पक्षता बनाए रखने के लिए दोबारा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।