पंचांग, 03 अक्टूबर 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 अक्टूबर 2024
नोटः आज शरद नवरात्रि प्रारम्भ तथा घटस्थापन और मातामह (नाना/नानी) का श्राद्ध और महाराजा अग्रसेन जयंती है। तथा वक्री शनि शतभिषा में।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः आश्विनी़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः प्रतिपदा रात्रि काल 02.59 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त अपराहन् काल 03.32 तक है, योग ऐन्द्र रात्रिः काल 04.24 तक है,
करणः किंस्तुघ्न,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः कन्या,
राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.19, सूर्यास्तः 06.01 बजे।